हरियाणा के किसानों के महापड़ाव के दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आज किसानों के बीच पहुंचे और हरियाणा के किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया। राकेश टिकैत ने कहा कि इन आंदोलनों के माध्यम से सरकार को मैसेज दे रहे हैं और किसानों की मांगों को रख रहे हैं। हरियाणा के किसानों के महापड़ाव के दूसरे दिन हरियाणा भर से भारी संख्या में किसान पंचकूला पहुंचे। हजारों की संख्या में 17 किसान यूनियन और 10 ट्रेड यूनियन द्वारा किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
कल राजभवन कूच करेंगे किसान
गौरतलब है कि देशभर में किसान विभिन्न मांगों को लेकर कई राज्य की राजधानियों का घेराव कर रहे हैं। इसी के तहत हरियाणा और पंजाब के किसानों के द्वारा भी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है और महापड़ाव के तीसरे दिन हरियाणा के पंचकूला से दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित हरियाणा के राज्यपाल भवन के लिए कूच करेंगे। यहां किसान हरियाणा के राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपेंगे। वही पंचकूला पुलिस द्वारा अन्य जिलों से भी पुलिस फोर्स की तैनाती धरना स्थल पर की गई है, ताकि किसानों का धरना प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो सके। किसान कल पंचकूला से चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे और हाई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों को पहले ही आदेश दे दिए गए हैं कि ना तो वह कोई सड़क जाम करेंगे और ना ही आम जनता को किसी प्रकार को परेशानी होने देंगे।
"आने वाले दिनों में बड़ी कॉल दी जाएगी"
वहीं पंचकूला में चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकट ने कहा कि सरकारों को एक संदेश दे रहे हैं और इसीलिए आंदोलन रखा गया है ताकि लोग आंदोलन करना भूल न जाएं। उन्होंने कहा कि देश में बड़ा आंदोलन हुए 2 साल हो गए हैं और अब संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देश की सभी राजधानियों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में सभी इकट्ठा होकर एक बड़ी कॉल दी जाएगी। पूरे देश में एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर लोग इस पर काम कर रहे हैं और गांव-गांव में चर्चा हो रही है।
"ये उद्योगपतियों और व्यापारियों की सरकार"
टिकैत ने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा के 40 बड़े नेता बेहतर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में एक बड़ा आंदोलन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार तो लोगों की बात मानती है लेकिन यह तानाशाहों, उद्योगपतियों और व्यापारियों की सरकार है। देश आंदोलन से ही बचेगा और हमें गांव-गांव जाना पड़ेगा। आज मैं हरियाणा के किसानों के बीच आया हूं और इसके बाद पंजाब के किसानों के बीच जाऊंगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई 90 साल चली और उनकी लड़ाई भी लंबी चलेगी।
प्रदर्शनकारी किसानों की ये हैं मांगे
बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार किसानों की फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून दे, किसानों का कर्ज माफ किया जाए, बिजली बिल माफ किये जाएं, लखीमपुर खीरी के आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मृतक किसानों को इंसाफ देने सहित अन्य लंबित मांगें पूरी की जाएं। किसान नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती किसानों के आंदोलन जारी रहेंगे।
(रिपोर्ट- उमंग श्योराण)
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