हरियाणा के गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड फ्लाईओवर पर सड़क धंसने की घटना को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्राकृतिक घटना बताया है। चौटाला ने संवाददाताओं से कहा, गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) हादसे पर जवाब देगी। हालांकि, यह एक प्राकृतिक घटना थी, इसमें कोई मानव निर्मित गलती नहीं थी। डिप्टी सीएम के इस अजीबो-गरीब बयान की हर जगह आलोचना हो रही है।
दुष्यन्त चौटाला ने और क्या कहा
डिप्टी सीएम दुष्यन्त चौटाला ने कहा, पिछले 4 वर्षों में 2 मामले सामने आए। ये दोनों NHAI की परियोजनाएं थीं और एक जांच भी की गई जिसमें पाया गया कि समस्या स्लैब कास्टिंग को लेकर थी। मुझे नहीं लगता कि इनके निर्माण के बाद सुविधाओं पर कोई सवाल उठाया गया है। जहां तक राज्य की सड़क व्यवस्था का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि एक साल में कभी 4,000 करोड़ रुपये खर्च किये गये होंगे।
ट्रैफिक यातायात प्रभावित
बता दें कि गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड फ्लाईओवर पर रविवार दोपहर सड़क धंसने से कुछ देर के लिए यातायात बाधित हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि सोहना की ओर जाने वाली फोर-लेन सड़क पर एसडी आदर्श स्कूल के सामने करीब पांच फुट गहरा और दो फुट चौड़ा गड्ढा हो गया। पुलिस और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीमें मौके पर पहुंचीं और गड्ढे के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए। पुलिस ने कहा कि इसके साथ ही, गुरुग्राम से सोहना की ओर जाने वाली इस सड़क की दो लेन को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
बैरिकेडिंग की गई
यातायात निरीक्षक(पूर्व) राजेश कुमार ने बताया कि यातायात पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और यातायात को संभाला। इस दौरान रखरखाव करने वाली कंपनी ओएसई के अधिकारियों के साथ एनएचएआई के अधिकारी भी पहुंच गए और बैरिकेडिंग कर दी गई। मौके पर मौजूद कुमार ने कहा,''यह घटना सड़क से पानी निकालने वाली सीवर लाइन के कारण हुयी। देखरेख करने वाली कंपनी क्षतिग्रस्त सड़क को ठीक कराएगी।'' विभिन्न प्रयासों के बावजूद एनएचएआई और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया।
वर्ष 2021 में पूरा हुआ था काम
एक अधिकारी के अनुसार, इस एलिवेटेड फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था। वर्ष 2021 में दो चरणों में काम पूरा हुआ और इसी वर्ष एलिवेटेड फ्लाईओवर को आम जनता के लिए खोल दिया गया। 21 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड फ्लाईओवर की कुल लागत 1,944 करोड़ रुपये थी। इस एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान अगस्त 2020 में सड़क का एक हिस्सा ढह गया था जिसके चलते कुछ समय के लिए काम रूक गया था।