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हरियाणा सरकार ने राज्य की प्रशासनिक सेवाओं में दिव्यांगों के लिए समावेशिता बढ़ाने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) नियम, 2008 में संशोधन की घोषणा की है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा अधिसूचित संशोधन, हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) को एचसीएस (कार्यकारी शाखा) परीक्षा में उपस्थित होने वाले दिव्यांगों के लिए अंग्रेजी और हिंदी भाषा (अनिवार्य पेपर) में न्यूनतम योग्यता अंकों में छूट देने की अनुमति देता है।
क्या है नया नियम?
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मानक न्यूनतम योग्यता अंक 45 प्रतिशत है, लेकिन बेंचमार्क दिव्यांगता वाले पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने पर एचपीएससी अब इसे घटाकर 35 प्रतिशत कर सकता है। इससे पहले, विकलांगों के लिए एचसीएस के हिंदी और अंग्रेजी भाषा (अनिवार्य पेपर) में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे।
CM मनोहर लाल ने दिए निर्देश
हरियाणा में जल्द ही करीब 35 हजार दिव्यांगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इनमें से 15,000 को सरकारी क्षेत्र में जबकि 20,000 को निजी क्षेत्र में समायोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Haryana CM) ने संबंधित अधिकारियों को 1 जनवरी 1996 से अब तक सरकारी नौकरियों के पूरे बैकलॉग को भरने के निर्देश दिए हैं। एचसीएस भर्ती (HCS Vacancy) में 14 रिक्तियों का बैकलॉग भरा जाएगा। इसके लिए, विकलांग व्यक्तियों के लिए कोटा निर्धारित करने के लिए विज्ञापन को संशोधित किया गया है।
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