इस साल पूरे देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। इस बीच, हरियाणा में राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसकी वजह है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के संकेत दिए हैं। दरअसल, हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार है, लेकिन बीजेपी के नेताओं का मानना है कि जेजेपी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने से पार्टी को नुकसान होगा।
हरियाणा में बीजेपी अकेले लड़ेगी चुनाव?
जेपी नड्डा के अकेले चुनाव लड़ने के संकेत देने के एक दिन बाद बीजेपी की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने कार्यकर्ताओं से पार्टी को 'मिशन दुष्यंत 2024' के लिए तैयार रहने को कहा है, जिसका लक्ष्य पार्टी के नेता एवं उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला को अगला मुख्यमंत्री बनाना है। घरौंडा में 'नवसंकल्प रैली' को संबोधित करते हुए जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के कारण कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव भी है
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ज्यादा समय नहीं बचा है और पार्टी कार्यकर्ताओं को 'मिशन दुष्यंत 2024' के लिए कमर कस लेनी चाहिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से पार्टी की नीतियों और उपमुख्यमंत्री को ओर से किए गए विकास कार्यों के बारे में प्रचार करने के लिए घर-घर अभियान चलाने को कहा। रैली में बोलते हुए कि दुष्यंत चौटाला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जेजेपी के 'बूथ योद्धा', 'बूथ सखी', 'सदस्यता अभियान' जैसे कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करने और पार्टी को राज्य में सबसे मजबूत और सबसे बड़ा संगठन बनाने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य में गठबंधन सरकार के तहत किए गए जनकल्याणकारी कार्यों को भी गिनाया।
हरियाणा की लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा
गौरतबल है कि हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अभी बीजेपी का कब्जा है। अगर वो लोकसभा चुनाव जेजेपी के साथ मिलकर लड़ती है, तो उसे कुछ सीटें उन्हें भी देनी होगी। ऐसा हुआ तो लोकसभा के बाद विधानसभा चुनावों में भी जेजेपी का दबाव बढ़ेगा। हालांकि, हरियाणा में गठबंधन तोड़ने के लिए बीजेपी अपने ऊपर कोई ब्लेम नहीं लेना चाहती।