हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को करारा झटका लगा है, क्योंकि कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है। बीरेंद्र सिंह ने 10 साल बाद अपनी राजनीतिक घर वापसी की है। बता दें कि इससे पहले उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। सोमवार को ही बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने बीजेपी का साथ छोड़ा था और मंगलवार को दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी में आरएसएस वाले भी सब जानते हैं लेकिन वहां कोई कुछ बोलता नही है। मैं भी उन्हें कहता था, वो कहते थे कह नही सकते कुछ। विचारधारा की लड़ाई है, हो सकता है कि आंधी आए, बस देखना यह है कि हवा किस स्पीड से चलेगी। यह 400 पार तो सिर्फ जुमला है, दो-दो सीएम को चुनाव से पहले गिरफ्तार कर लिया गया। इलेक्टोरल बॉन्ड्स तो नया तरीका है। इंडिया एलाइंस इस बार जीतेगा।
राहुल पीएम बनेंगे क्या? यह पूछे जाने पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इंडिया एलायंस चुनाव लड़ेगा और फिर सब मिल बैठ कर तय करेंगे।
बता दें कि सोमवार को बीरेंद्र सिंह ने बताया था कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और इस्तीफा पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा को भेज दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि मेरी पत्नी प्रेमलता, जो 2014 से 2019 तक भाजपा की विधायक रहीं, उन्होंने भी पार्टी छोड़ दी है।
हरियाणा में भाजपा को करारा झटका
बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रेमलता के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद हरियाणा भाजपा में हलचल तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि हरियाणा भाजपा के 4 से 5 विधायक चौधरी बीरेंद्र सिंह के संपर्क में हैं और वे भी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। ऐसे में बीरेंद्र सिंह का कांग्रेस को ज्वाइन करना भाजपा के लिए तगड़ा झटका है। चर्चा ये भी है कि जो विधायक नाराज हैं उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने की बात कही जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल भी लगातार नाराज विधायकों से संपर्क साध रहे हैं।