फरीदाबाद: इस बार वोटर्स को लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बटन में एक नया बदलाव देखने को मिलेगा। अन्य प्रत्याशियों की तरह नोटा को भी चुनाव आयोग ने सिंबल दिया है। नोटा के सामने यह सिंबल अंकित होगा। इससे उम्मीदवारों को नोटा का विकल्प ढूंढने में आसानी होगी। अभी तक इस तरह की व्यवस्था नहीं थी।
2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में केवल नोट लिखा हुआ ऑप्शन मिलता था। लेकिन इस बार नोटा में क्रॉस का चिह्न नजर आएगा। चुनाव आयोग का मानना है कि इससे मतदाताओं को नोटा का विकल्प चुनने में आसानी होगी। अब आयोग इस बदलाव को लेकर लोगों को जागरूक करेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार वर्ष 2013 के नवंबर और दिसंबर महीने में दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव में नोटा का विकल्प रखा गया था। वहीं हरियाणा में पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने पहली बार नोटा का इस्तेमाल किया था।
हरियाणा में 2014 में लोकसभा चुनाव में कुल 34 हजार 220 वोटरों ने नोटा का प्रयोग किया था। वहीं अंबाला लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 7816 वोटरों ने नोटा के विकल्प को चुना था। इस सीट पर कुल 7,816 वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया। वहीं फरीदाबाद में 3328, गुरुग्राम में 2658, कुरुश्रेत्र में 2482,सिरसा में 4033 मतदाताओं ने नोटा के विकल्प को चुना था।