Sunday, November 24, 2024
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करनाल लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को 6 साल पुराने मामले में जमानत मिली

करनाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को पंचकूला की अदालत से जमानत मिल गई है। यह मामला 2018 से जुड़ा था।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: May 03, 2024 21:45 IST
 कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा- India TV Hindi
Image Source : @DIVYANSHUB_RAJA कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा

चंडीगढ़ः हरियाणा युवा कांग्रेस के प्रमुख और करनाल लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2018 के एक मामले में शुक्रवार को पंचकूला की एक अदालत ने जमानत दे दी। पंचकूला पुलिस ने 2023 में स्थानीय अदालत के आदेश के मद्देनजर इस साल तीन जनवरी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। इस नयी प्राथमिकी में उन्हें कई वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं के चलते 28 जनवरी 2018 को हरियाणा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1989 की धारा 3-ए के तहत दर्ज प्राथमिकी में भगोड़ा घोषित किया गया था। 

मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं बुद्धिराजा 

बुद्धिराजा ने शुक्रवार को एक अन्य अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसने उन्हें संपत्ति विरूपण मामले में जमानत दे दी। बुद्धिराजा करनाल लोकसभा सीट से भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पंचकूला में अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए बुद्धिराजा के वकील ने कहा, “इस मामले में, हमने (अदालत के समक्ष) आत्मसमर्पण करने के बाद नियमित जमानत के लिए आवेदन किया था। उन्होंने बताया कि दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है।  

हाई कोर्ट में भी दाखिल की थी याचिका

हाल ही में कांग्रेस उम्मीदवार ने आईपीसी की धारा 174-ए के तहत दर्ज 3 जनवरी, 2024 की एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिव्यांशु बुद्धिराजा के वकील से यह निर्देश लेने को कहा था कि क्या उनका मुवक्किल (बुद्धिराजा) ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार है। बुद्धिराजा ने अपनी याचिका में 2018 में हुई एफआईआर को भी राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा बताया था। बुद्धिराजा ने शुक्रवार को पंचकुला में अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, "मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया क्योंकि मैंने हरियाणा के बेरोजगार युवाओं की आवाज उठाई थी। 

यह पूछे जाने पर कि वह पहले अदालत के सामने क्यों नहीं पेश हुए, बुद्धिराजा ने संवाददाताओं से कहा, "मैं उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहा था। बुद्धिराजा ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी के संबंध में पोस्टर लगाने और तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जवाब मांगने के लिए पंचकूला पुलिस ने उन पर मामला दर्ज किया था।

इनपुट- पीटीआई

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