हरियाणा के कैथल में जब आम आदमी पार्टी ने रैली की अनुमति मांगी तो उसके जवाब में आपत्तिजनक बात लिखा पत्र मिला, जिसके बाद 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर और 1 जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को गंभीर आरोप लगाया गया। पार्टी की ओर से कहा गया कि इलेक्शन डिपार्टमेंट से संबंधित प्राधिकारियों से 2 चुनावी कार्यक्रमों की अनुमति मांगने वाले आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया और यही नहीं जवाब में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है।
आम आदमी पार्टी की ओर से आरोप लगने के बाद मामले पर संज्ञान लिया गया। जानकारी के अनुसार, हरियाणा के कैथल में उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट-सह-सहायक निर्वाचन अधिकारी ब्रह्म प्रकाश ने मामले पर एक्शन लिया है और 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर और एक जूनियर इंजीनियर के निलंबन का आदेश जारी किया है। हरियाणा पुलिस को मामले की विस्तृत जांच करने का निर्देश भी दिया गया है।
रैली के लिए मांगी थी जिला प्रशासन से अनुमति
दरअसल, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा रैली के आयोजन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, जिसके बाद आवेदन को रिजेक्ट करके उसपर अभद्र भाषा में जवाब आया। इसके साथ ही दूसरे सर्टिफिकेट पर हीरोइन की फोटो लगाकर आवेदन को रद्द कर दिया गया। बता दें कि लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का पालन करते हुए सभी राजनीतिक दलों को कोई भी रैली या सभा का आयोजन करने से पहले जिला प्रशासन से इसकी ऑनलाइन परमिशन लेनी होती है। इसके लिए चुनाव आयोग ने ECore वेबसाईट भी बनाई हुई है। जिसके माध्यम से यह पूरी प्रक्रिया की जाती है। चुनाव के मद्देनजर अभी 2 दिन पहले ही जिला प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई थी। बताया जा रहा है कि यह पासवर्ड कार्यालय के ही किसी कर्मचारी ने बाहर शेयर किया है या फिर उसने ही ये गलत हरकत की है।
आप ने लगाए आरोप
इस मामले पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा और INDI Alliance के कुरुक्षेत्र से आप उम्मीदवार व प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि चुनाव की निष्पक्षता चुनाव आयोग पर निर्भर करती है और लोकतंत्र के लिए एक निष्पक्ष चुनाव आयोग ज़रूरी है। आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यक्रमों के लिए कैथल डिस्ट्रिक्ट में आवेदन किया था जिसमें जवाब में हमें भद्दी-भद्दी गालियां चुनाव आयोग की तरफ़ से भेजी गई और परमिशन रिजेक्ट कर दी गई। हम ये पूछना चाहते हैं क्या पूरे देश में चुनाव आयोग के दफ्तरों में भारतीय जनता पार्टी के IT सेल के लोग हैं और क्या भारतीय जनता पार्टी के एजेंट चुनाव आयोग का दफ़्तर चला रहे हैं। किसी पार्टी के द्वारा आवेदन करने पर इस तरह का व्यवहार अशोभनीय है।
सुशील गुप्ता ने लगाए बीजेपी पर आरोप
आतिशी के मामले का ज़िक्र करते हुए सुशील गुप्ता ने कहा क्या भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग के नोटिस तय करती है। हमें इस तरह की घटना से चंडीगढ़ के मेयर चुनावों की याद आ गई जिस तरह से वहां चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए थे और चुनाव हैंडल हुआ बिल्कुल उसी तरह से कैथल में भी चुनाव अधिकारी के रिस्पॉन्स में हमें नजर आ रहा है। हम हरियाणा चुनाव आयोग और राष्ट्रीय चुनाव आयोग से इस मामले में तुरंत दख़ल देने का आग्रह करेंगे।
सुशील गुप्ता ने आगे एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार रिस्पॉन्स ग़लत देना कहीं न कहीं चुनाव अधिकारी पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। ऐसे में छोटे कर्मचारियों को सस्पेंड करना कहां का न्याय है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस वेबसाइट पर ये सभी काम होते हैं उसे वेबसाइट पर चुनाव का रिजल्ट ही आता है अगर वेबसाइट हैक हो गई तो कल रिजल्ट भी हैक हो सकता है। अगर चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक हो सकती है तो लोगों के मन में ये सवाल क्यों ना आ जाए कि EVM भी हैक हो सकती है।
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