Monday, December 23, 2024
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होलिका दहन की झड़प में दो लोगों की हुई थी मौत, कोर्ट ने 16 लोगों को सुनाई उम्रकैद

साल 2020 में हरियाणा के भिवानी जिले में होलिका दहन के दौरान हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में अब हरियाणा की एक अदालत ने कुल 16 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ में कोर्ट ने सभी दोषियों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Dec 02, 2023 21:05 IST, Updated : Dec 02, 2023 21:05 IST
Life imprisonment
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE हरियाणा की एक अदालत ने 16 लोगों को दी उम्रकैद की सजा

चंडीगढ़: हरियाणा की एक अदालत ने साल 2020 में होलिका दहन के दौरान हुई झड़प में एक परिवार के दो सदस्यों की मौत होने के मामले में 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल, भिवानी जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केपी सिंह की अदालत ने आरोपियों को दंगा करने, जानबूझकर चोट पहुंचाने और रोकने के लिए भी दोषी ठहराया। अदालत ने इनमें से हर दोषी पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 

साल 2020 में हुई थी दो समूह के बीच झड़प

दरअसल, भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में 9 मार्च 2020 को होलिका दहन के दौरान दो समूहों के बीच विवाद हुआ और यह झड़प में तब्दील हो गया था। इस झड़प में एक महिला सहित दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी। पुलिस को दिए बयान में शिकायतकर्ता अजय कुमार ने कहा कि सुरेश (दोषियों में एक) के साथ उनकी बहस हुई, लेकिन ग्रामीणों ने हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला था। कुमार द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, बाद में सुरेश और कुछ अन्य लोग अजय के चाचा जगदीश से झगड़ा करने लगे। शोर सुनकर कुमार ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मामले में हस्तक्षेप किया, लेकिन उन पर लाठी और चाकू से हमला किया गया। 

24 से 65 साल के बीच हैं सभी आरोपी

शिकायत के अनुसार, घटना में उनके चचेरे भाई मनबीर और उनकी चाची सुरेश देवी की मौत हो गई। पुलिस ने शुरू में मामले में सुरेश और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में 10 और लोगों पर मामला दर्ज किया गया। ये सभी 24 से 65 वर्ष तक की उम्र के हैं। दोषी करार दिये गए लोगों की पहचान सुरेश, रमेश, मोनू, बलजीत, सूरज, मुकेश, अनिल, संजय, कृष्ण, अजय, सोनू, सुनील, मूर्ति, सोनू, संदीप और संजय के रूप में की गई। ये सभी बवानी खेड़ा के रहने वाले हैं। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 148 (दंगा), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया। अदालत ने 29 नवंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘सभी मूल सजाएं एक साथ चलेंगी। जांच और मुकदमे के दौरान दोषी की हिरासत की अवधि को उन्हें दी गई मूल सजा में समायोजित किया जाए।’

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