कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा। उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों में टिकट का बंटवारा बेहतरीन तरीके से नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर आलाकमान को उचित फीडबैक दिया गया होता और स्वार्थ की राजनीति नहीं की गई होती, तो पार्टी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर सकती थी।
सैलजा ने हुड्डा का नाम लिए बगैर अंबाला में संवाददाताओं से कहा, "हरियाणा की जनता का जो मूड था, अगर आलाकमान को उचित फीडबैक दिया गया होता और स्वार्थ की राजनीति नहीं की गई होती, अगर टिकटों का मूल्यांकन योग्यता के आधार पर किया गया होता, तो मुझे यकीन है कि हम सभी 10 सीटों पर जीत हासिल कर लेते।"
करनाल सीट का दिया उदाहरण
उन्होंने करनाल में भी मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने करनाल सीट का उदाहरण दिया, जहां हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ा था। कुमारी शैलजा ने कहा कि किसी स्तर पर हाईकमान को गुमराह किया गया था और समय पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई।
"जब तक 'मैं और मेरा' की मानसिकता रहेगी..."
सैलजा ने कहा, "जब तक 'मैं और मेरा' की मानसिकता रहेगी, तब तक पार्टी कार्यकर्ताओं को नुकसान होगा, राज्य को नुकसान होगा।" उन्होंने ये भी कहा कि पूरी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे और पूर्व विधायक चंद्रमोहन को टिकट बंटवारे में नजरअंदाज किया गया, जबकि वह हिसार सीट के लिए अच्छे उम्मीदवार साबित हो सकते थे। उन्होंने कहा, "लोग सिरसा से मेरी और हिसार से चंद्रमोहन की उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे, लेकिन वह प्रत्याशी नहीं थे, लेकिन अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे लाखों वोट जीत सकते थे।
उन्होंने कहा कि हमने अपने नेता राहुल गांधी का संदेश फैलाने और लोगों के मूड को समझने के लिए पूरे राज्य में जन संदेश यात्रा का नेतृत्व किया। भिवानी को देखें तो अगर श्रुति (चौधरी) उम्मीदवार होतीं, तो हम आसानी से जीत सकते थे।
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