चंडीगढ़ः बीजेपी ने मंगलवार को सोनीपत जिले के राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली को पार्टी की हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे बड़ौली नायब सिंह सैनी की जगह लेंगे जो अब मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इससे पहले सैनी प्रदेश अध्यक्ष थे।
विधानसभा चुनाव से पहले दिया ये सियासी संदेश
बड़ौली जाति से ब्राह्मण हैं और उनकी नियुक्ति गैर जाट समुदाय के बीच अपने आधार को मजबूत करने के भाजपा के प्रयासों को रेखांकित करती है। राज्य में ब्राह्मण भी अच्छी खासी संख्या में हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा उन्हें भी लुभाते रहे हैं। मुख्यमंत्री सैनी अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं जबकि उनके पूर्ववर्ती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय से हैं और अब नए अध्यक्ष के रूप में एक ब्राह्मण नेता को जिम्मेदारी दी गई है। राज्य में कांग्रेस का सामना करने के लिए भाजपा एक मजबूत सामाजिक समीकरण के साथ चुनाव में उतरने की कोशिश में है।
जाट समुदाय में हुड्डा का प्रभाव
राज्य में जाट समुदाय के अधिकांश मतदाताओं पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खास प्रभाव माना जाता है। जाट इस उत्तरी राज्य में सबसे बड़ी जाति है। हालांकि जाति के आधार पर उनकी जनगणना संबंधी कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन ऐसा अनुमान है कि वे राज्य की आबादी के करीब 27 प्रतिशत हैं।
कौंन हैं मोहन लाल बडौली?
मोहन लाल बडौली का जन्म 1963 में हरियाणा के सोनीपत जिले में हुआ था। वह किसान और कारोबारी हैं। वह पढ़ाई पूरी करने पर कपड़े की एक दुकान चलाने लगे थे। हरियाणा में जब बीजेपी की संगठन बेहद कमजोर था और इनेली की सरकार थी उस समय बडौली मुरथल से जिला परिषद चुनाव जीतने वाले पहले बीजेपी नेता थे। वर्तमान में वह राई विधानसभा सीट से विधायक हैं और प्रदेश में बीजेपी की 2014 से सरकार है।
सोनीपत लोकसभा चुनाव में मिली हार
बड़ौली ने 2019 में राई विधानसभा से चुनाव लड़ा था और 2663 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। वह इस विधानसभा सीट पर चुनाव जीतने वाले भाजपा के पहले नेता हैं। पिछले दिनों संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें सोनीपत से तत्कालीन सांसद रमेश चंद्र कौशिक का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया था। हालांकि उन्हें करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था।
बता दें कि राज्य में अक्टूबर में महाराष्ट्र के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा 2014 से हरियाणा में सत्ता में है। कांग्रेस ने हाल के लोकसभा चुनावों में राज्य की 10 में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे पहले बीजेपी ने 2019 में सभी लोकसभा सीटें जीत ली थी। लेकिन कांग्रेस ने हाल के लोकसभा चुनावों में पुनरुत्थान के मजबूत संकेत दिए हैं।