करनाल में सीएम फ्लाइंग टीम और खाद्य आपूर्ति विभाग ने सरकारी राशन डिपो पर छापेमारी कर बड़ी गड़बड़ी उजागर की है। छापेमारी के दौरान पांच डिपो की जांच में भारी गड़बड़ी मिली है। इन डिपो से सैकड़ों क्विंटल खाद्य सामग्री गायब पाई गई। इसके बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने एक राशन डिपो ओर एक राशन वितरण मशीन को सील कर दिया है।
सीएम फ्लाइंग टीम ने सुमित भसीन नाम के डिपो होल्डर को दिए गए पांच राशन डिपो पर छापेमारी की थी। छापे में खुलासा हुआ कि यह डिपो होल्डर गरीबों को मिलने वाले राशन का बड़ा हिस्सा डकार गया। सरकार की तरफ से डिपो पर भेजा गया करीब 62 किवंटल बाजरा, 82 किवंटल गेहूं, लगभग 1500 लीटर सरसों का तेल और 6 किवंटल से अधिक चीनी गायब हो चुकी है। खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री उड़ान दस्ते ने एक के बाद एक पांच मशीनों की जांच की।
एक डिपो को मिली पांच डिपो की सप्लाई
डिपो होल्डर सुमित भसीन के नाम सिर्फ एक डिपो आवंटित है, जबकि उसे पांच डिपो की सप्लाई दी गई है। सरकार की तरफ से डिपो पर भेजा गया राशन गायब होने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने राशन डिपो सील कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में खाद की कमी नहीं
हरियाणा में डायअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कमी होने के विपक्षी दलों के दावों का खंडन करते हुए राज्य के मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि सरकार ने किसानों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राणा ने विपक्षी नेताओं पर डीएपी उर्वरक की आपूर्ति को लेकर गलत सूचना फैलाने और ‘‘किसानों को गुमराह करने’’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार रबी फसलों के मौसम में उन्नत पैदावार को लेकर डीएपी की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को डीएपी उर्वरक की ‘‘कमी’’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह ‘‘संकट’’ उर्वरक के आयात तथा भंडारण में कमी के साथ इस पर मिलने वाले अनुदान में कटौती के कारण पैदा हुआ है। राणा ने एक बयान में कहा कि सुरजेवाला के दावों के विपरीत, हरियाणा सरकार पहले ही 2.38 लाख मीट्रिक टन डीएपी जारी कर चुकी है, जो 24 सितंबर से 25 मार्च तक रबी मौसम के लिए आवश्यक कुल 3.48 लाख मीट्रिक टन की तुलना में एक महत्वपूर्ण अंश है। मंत्री ने कहा कि राज्य भर में क्रमशः लगभग 24 लाख हेक्टेयर और 10 लाख हेक्टेयर में बोई गई गेहूं तथा सरसों की फसलों को अब तक उर्वरक भंडारण से अच्छी सहायता मिली है। कृषि मंत्री ने विभागीय आंकड़ों का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि राज्य की डीएपी आपूर्ति पिछले वर्ष की आवश्यकता के अनुरूप है।
(करनाल से अमित भटनागर की रिपोर्ट)