संजीव सोनी वर्मा नास्तिक थे, ना खुद मंदिर जाते थे और अगर पत्नी भी जाती थी तो टोक देते थे कि मंदिर वंदिर कम जाया करो। लेकिन एक बार संजीव सोनी वर्मा का भगवद गीता पाठ के लिए जाना हुआ और वहां से किस्मत बदल गई। ठाकुर जी को संजीव मानने लगे और फिर लड्डू गोपाल का श्रृंगार करने लगे। आज लोग अलग-अलग जगहों से उनके पास लड्डू गोपाल, ठाकुर जी (कृष्ण भगवान) का श्रृंगार करवाने आते हैं। वहीं, 22 जनवरी को होने वाली राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हर जगह उत्सुकता है, उमंग है इसको लेकर करनाल के रहने वाले संजीव ने भी सोचा कि कुछ अलग किया जाए।
एक मोर पंख को बनाने में लग रहा 2-3 दिन का समय
संजीव के सामने भगवान श्री राम की एक छवि आई जिसको उन्होंने मोर पंख पर उतारा। मोर पंख पर भगवान श्री राम का स्वरूप देखते ही बनता है। लोग इस स्वरूप को देखने के लिए भी काफी उत्सुक हैं। संजीव ने बताया कि एक मोर पंख को बनाने में 2 से 3 दिन लग रहे हैं, क्योंकि सब पेंट से है और उसे सूखने में भी समय लगता है लेकिन उनका प्रयास जारी है।
500 मोर पंख लेकर जाएंगे अयोध्या
संजीव खुद 22 जनवरी को अयोध्या जाना चाहते हैं लेकिन भीड़ भाड़ के कारण वो बाद में जाएंगे लेकिव वो जब जाएंगे तो अपने साथ ऐसे 500 मोर पंख लेकर जाएंगे जिस पर भगवान श्री राम की छवि होगी।
(रिपोर्ट- अमित भटनागर)
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