इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष नफे सिंह राठी और पार्टी के एक कार्यकर्ता की रविवार को दिल्ली के पास बहादुरगढ़ में अज्ञात हमलावरों ने उनकी एसयूवी पर अंधाधुंध गोलीबारी करके हत्या कर दी। इस हमले में राठी द्वारा सुरक्षा के लिए रखे गए तीन निजी बंदूकधारी भी घायल हो गए। अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा कि राठी को गर्दन, पेट, रीढ़ की हड्डी और जांघ में चोटें आयी और उनका काफी खून बह गया था। लेकिन निजी सुरक्षाकर्मियों की मौजूगदी में भी इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह की इतनी बेरहमी से हत्या हो गई, ऐसे में इसके पीछे के मास्टरमाइंड और रंजिश को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
सीएम से मिलने के बाद भी नहीं मिली सुरक्षा
बताया जा रहा है कि हमलावर एक i10 कार से राठी की एसयूवी का पीछा करते रहे और शूटरों ने उनपर कम से कम 40-50 राउंड फायरिंग की। नफे सिंह के बेटे जितेंद्र राठी ने बताया कि उनके पिता प्रिंसिपल द्वारा बच्चे का उत्पीड़न हो, पीपीपी स्कीम हो या फिर किसी की गुंडागर्दी हो, वह सबके खिलाफ आवाज उठाते थे। बेटे जितेंद्र ने बताया कि दजर्नों बार उनके पिता खुद सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिले लेकिन फिर भी उन्हें सुरक्षा नहीं प्रदान की गई और मरने के लिए छोड़ दिया गया।
बेटे ने किया 'एक बड़े आदमी' की ओर इशारा
जब नफे सिंह के बेटे से इस हत्या में सियासी कनेक्शन को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसके जिम्मेदार वही लोग हैं जो बहादुरगढ़ से उनके पिता के पीछ लगे थे और उनके भी नाम जल्द सामने आएंगे। उन्होंने पुलिस जांच करके पता लगाए कि वो कौन बड़ा आदमी है जो मेरे पिता को विधायक बनते नहीं देखना चाहता। नफे सिंह के बेटे ने इस हत्या के पीछे राजनीतिक रंजिश का दावा किया है।
पुख्ता प्लानिंग के साथ आए थे हमलावर
गौर करने वाली बात ये है कि नफे सिंह को मारने वाले हमलावर, हत्या में कोई चूक ना हो, इस लिए पुख्ता प्लानिंग के साथ आए थे। नफे सिंह हत्या से पहले एक पड़ोस के गांव में किसी की मौत पर शोक व्यक्त करने गए थे। पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उनकी कार को स्पॉट किया। बदमाशों ने i10 कार से राठी की कार की काफी देर तक रेकी की और जब राठी बराही फाटक पर पहुंचे तो हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। हमलावर हथियारों से किस कदर लैस थे, इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि वारदात में करीब 40 से 50 राउंड फायर किए गए। राठी के गर्दन, पेट, रीढ़ की हड्डी और जांघ, शरीर के हर हिस्से में गोलियां लगी थीं। इतना ही नहीं उनकी फॉर्च्यूनर कार भी पूरी तरह से छलनी हो गई।
पूर्व मंत्री के बेटे की मौत के बाद आया था नाम
बता दें कि हरियाणा पुलिस ने पूर्व मंत्री मांगे राम के बेटे जगदीश की मौत के बाद पिछले साल जनवरी में राठी समेत 6 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों में एक FIR भी दर्ज की थी। पुलिस ने तब कहा था कि जगदीश के परिवार ने आरोप लगाए हैं कि कुछ आरोपी एक संपत्ति से जुड़े मामले में उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहे थे और इसके कारण वे काफी तनाव में थे। तब अभय चौटाला ने आरोप लगाया था कि एक राजनीतिक षडयंत्र के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
राठी को लगातार मिल रही थीं धमकियां
बता दें कि इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी को 1996 और 2005 में दो बार बहादुरगढ़ से विधायक चुना गया था। इस हत्या पर इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा, ‘‘राठी को पुलिस की कोई सुरक्षा नहीं दी गई थी। राठी पर गोलियों की बौछार की गई।’’ चौटाला ने सरकार पर राठी की जान को खतरा होने के बावजूद सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज के इस्तीफे की मांग की। चौटाला ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राज्य के गृह मंत्री को लिखित अभ्यावेदन दिया गया था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।