चंडीगढ़: हरियाणा में सरकार की ई-निविदा नीति के खिलाफ सरपंचों के विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को कहा कि ग्राम प्रधान अब पांच लाख रुपये तक के विकास कार्यों को मंजूरी दे सकेंगे जबकि पहले यह सीमा दो लाख रुपये थी। खट्टर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हालांकि पांच लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए ई-निविदा प्रणाली लागू रहेगी।
पहले दो लाख तक की विकास परियोजनाओं को ही स्वीकृत कर सकते थे
ई-निविदा व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान पहले दो लाख रुपये तक की विकास परियोजनाओं को अपने स्तर पर स्वीकृत कर सकते थे, लेकिन दो लाख रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के लिए ई-निविदा व्यवस्था अनिवार्य है। इसके कारण ग्राम प्रधानों को लगा कि उनके अधिकार कम हो गए हैं।
एक अप्रैल से सरपंचों के मानदेय में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने एक अप्रैल से सरपंचों के मानदेय को मौजूदा 3,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये जबकि पंचों के मानदेय को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये करने की भी घोषणा की है। खट्टर ने कहा कि ग्राम सचिव की ACR में सरपंच की राय शामिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक 6,217 पंचायतों में से 5,048 पंचायतों ने कामों के प्रस्ताव डालें हैं। 1,169 पंचायतों ने किसी भी काम का प्रस्ताव नहीं डाला है, कुल 9,418 कामों के लिए प्रस्ताव आए हैं।
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