पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आए दिन किसानों और सुरक्षाबलों तथा पुलिस के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है। किसान दिल्ली जाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं और उन्हें रोकने के लिए सुरक्षाबलों को बार-बार आंसू गैस के गोले दागने पड़ रहे हैं। वहीं इस हरियाणा पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसान संगठनों द्वारा आयोजित दिल्ली चलो मार्च के दौरान अंबाल में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। वहीं 30 पुलिसकर्मी इस दौरान घायल हुए हैं। प्रेस रिलीज में अंबाला पुलिस ने उल्लेख किया कि किसानों द्वारा शंभू सीमा पर पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधों को हटाने का लगातार प्रयास किया गया है।
किसान आंदोलन में गई 2 पुलिसकर्मियों की जान
इस दौरान किसानों द्वारा अधिकारियों पर पथराव किया गया और सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों को नष्ट करने तथा शांति-व्यवस्था में व्यवधान डालने की भी कोशिश की गई। पुलिस ने इसी बाबत कहा कि इस तरह की झड़पों में 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उनमें से एक को ब्रेन हैमरेज हुआ, जबकि दो अन्य की जान चली गई। इन्हीं झड़पों में हरियाणा पुलिस के जीआरपी जवान हीरालाल और हरियाणा पुलिस के ही एसआई कौशल की जान चली गई। प्रेस विज्ञप्ति में पुलिस ने कहा कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम का इस्तेमाल कर किसानों ने भड़काऊ कंटेंट शेयर किया।
एक किसान की भी हुई मौत
इस घटना के में घायल पुलिसकर्मियों का कहना है कि वो पूरी योजना बनाकर आए थे। 3 तरफ से वो पत्थरबाजी कर रहे थे। गुलेल, तलवार, किलाई सब था उनके पास। झड़प के वक्त उन्होंने नकाब पहन रखा था। बता दें कि इससे पहले खन्नौरी बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और किसानों के बीच हुई झड़प में एक किसान की भी मौत हो गई थी। किसान की मौत को लेकर शुक्रवार को किसान संगठनों ने मांग की कि मृतक किसान को शहीद का दर्जा दिया जाए। जब तक किसान को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा, तब तक ये आंदोलन खत्म नहीं होने वाला।