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हरियाणा ने अस्पताल में डॉक्टर्स-कर्मियों के लिए लागू किया ड्रेस कोड, अब दिखेंगे ऐसे

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी भी रंग की जींस, डेनिम स्कर्ट और डेनिम ड्रेस को पेशेवर पोशाक नहीं माना जाता है और इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Feb 11, 2023 18:20 IST, Updated : Feb 11, 2023 18:26 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों के लिए तरह-तरह के बाल संवरे, भारी गहने, मेकअप और लंबे नाखून रखने के अलावा टी-शर्ट, जींस और स्कर्ट पहनने पर भी पाबंदी लगाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक ड्रेस कोड लागू करने जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को विशेष वर्दी सहित ड्रेस कोड का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड का 24 घंटे पालन किया जाना चाहिए, जिसमें सप्ताहांत, शाम और रात की शिफ्ट भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

लंबे नाखून रखने की अनुमति नहीं होगी

उन्होंने कहा, "काम के दौरान खासतौर पर अस्पतालों में तरह-तरह के बाल संवरे, भारी गहने पहनने, मेकअप और लंबे नाखून रखना अस्वीकार्य हैं।" विज ने कहा कि किसी भी रंग की जींस, डेनिम स्कर्ट और डेनिम ड्रेस को पेशेवर पोशाक नहीं माना जाता है और इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "स्वेटशर्ट, स्वेटसूट और शॉर्ट्स की अनुमति नहीं है। स्लैक्स, ड्रेस, स्कर्ट और पलाजो की भी अनुमति नहीं होगी। टी-शर्ट, स्ट्रेच टी-शर्ट, स्ट्रेच पैंट, फिटिंग पैंट, लेदर पैंट, कैपरी, स्वेटपैंट, टैंक टॉप, पारदर्शी ड्रेस या टॉप, क्रॉप टॉप, ऑफ-शोल्डर ड्रेस, स्नीकर्स, स्लीपर आदि की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह, जूते काले, साफ, आरामदायक और फंकी डिजाइन से मुक्त होने चाहिए।" 

'अभी मरीजों और कर्मचारियों में अंतर करना मुश्किल'

मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को उनके कर्मचारियों के लिए कुछ नियम और शर्तें बनाने की जरुरत है और ड्रेस कोर्ड इसका आवश्यक हिस्सा है, जो संगठन को पेशेवर स्वरूप प्रदान करता है। विज ने कहा, "जब आप निजी अस्पताल में जाते हैं, तो एक भी कर्मी आपको बिना वर्दी नहीं दिखता, जबकि सरकारी अस्पताल में मरीजों और कर्मचारियों में अंतर करना मुश्किल होता है।" उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड लागू करने से अस्पतालों के कामकाज में सुधार आएगा। 

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