चंडीगढ़: देश भर के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली जाने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए 13 फरवरी की तारीख भी तय कर दी गई है। उनकी ‘दिल्ली चलो’ योजना को लेकर किसान नेताओं की सोमवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक होनी है। वहीं इस बैठक से पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विश्वास जताया कि बातचीत से प्रमुख मुद्दों का समाधान निकल जाएगा। बता दें कि दिल्ली चलो मार्च में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर निकल रहे हैं। इसके साथ ही अधिकारियों ने कंक्रीट ब्लॉकों, लोहे की कीलों और कंटीले तारों का उपयोग करके कई स्थानों पर राज्य की सीमा को मजबूत कर दिया है।
किसान हमारे अन्नदाता
वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘संवाद से बड़े मुद्दों का समाधान निकाला जा सकता है और इस मुद्दे का हल भी निकल जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता हैं और वे देश के 140 करोड़ लोगों का पेट भरते हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार देश के गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हरियाणा-पंजाब सीमा पर स्थित विभिन्न बिंदुओं पर अवरोधक लगाने के सवाल पर अनिल विज ने कहा कि ‘‘हमारे राज्य के लोगों की सुरक्षा एवं शांति के लिए जो जरूरी होगा, हम करेंगे।’’ इस बीच चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों की बैठक भी होनी है। सरकार और किसानों के बीच यह दूसरे दौर की बातचीत होगी। इससे पहले 08 फरवरी को भी बातचीत हुई थी।
सभी सीमाओं पर कड़ी निगरानी
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि 200 से अधिक किसान संगठन मंगलवार को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है तथा यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’ की भी मांग कर रहे हैं।
(इनपुट- भाषा)
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