चंडीगढ़: हरियाणा को किसानों की भूमि कहा जाता है। एक आंकड़े के अनुसार यहां प्रत्येक 10 व्यक्तियों में से 6 व्यक्ति खेतीबाड़ी करते हैं। यहां की सरकार और कृषि प्रशासन भी किसानों की उन्नति और नई तकनीक के लिए प्रयासरत रहता है, जिससे कम लागत और मेहनत में किसानों को अच्छी उपज और फायदा मिल सके। इसी क्रम में हरियाणा सरकार और चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार, के संयुक्त तत्वाधान में 10 से 12 मार्च 2023 को हरियाणा कृषि विकास मेले का आयोजन किया जा रहा है।
हरियाणा सरकार में कृषि विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि कृषि जगत के लिए यह मेला नये अवसर लेकर आएगा। अत्याधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी के साथ ही मनोरंजन, प्रदर्शनी आदि मुख्य आकर्षण रहेंगे। इसके साथ ही किसानों के लिए लकी ड्रॉ के ज़रिए ट्रैक्टर आदि कृषि उपकरणों को जीतने का मौक़ा रहेगा।
मेले में क्या रहेगा ख़ास?
डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि तीन दिनों के इस मेले में तीन थीम रहेंगे। यह मेला सटीक कृषि एवं फसल विविधीकरण, मोटा अनाज- सर्वोत्तम खाद्य, प्राकृतिक खेती, कृषि नवाचार जैसे थीम पर केंद्रित रहेगा। किसान भाइयों और बहनों इस मेले में आये और सरकार की कृषि संबंधी नवीनतम नीतियों एवं कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाणित बीज प्राप्त करें।
किसान दे वैज्ञानिकों को सुझाव - डॉ. सुमिता मिश्रा
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कृषि अधिकारी कार्यशाला में डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि पिछले वर्ष तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी से 15 से 20 प्रतिशत तक गेहूं का उत्पादन गिर गया था। इस बार फिर से फरवरी में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। कृषि वैज्ञानिक किसानों को बदलते मौसम में फसलों को नुकसान से बचाने के लिए अपने सुझाव दें।