अब 75 साल से अधिक पुराने पेड़ों के संरक्षकों को 2,500 रुपये की सालाना 'पेंशन' दी जाएगी। एक मंत्री ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दरअसल, ये योजना हरियाणा सरकार ने शुरू की है। हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल ने कहा कि 75 साल से अधिक पुराने पेड़ों का अत्यधिक पारिस्थितिक महत्व है और ऐसे पेड़ों की सुरक्षा व रखरखाव करने वालों के बैंक खातों में "पेंशन" जमा की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच पुराने पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण की भावना पैदा करने के लिए 'हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन योजना' शुरू की गई है।
हर साल इस पेंशन की रकम में वृद्धि भी होगी
हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे पेड़ों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। कंवर पाल ने कहा कि राज्य में लोगों के लिए वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना में वृद्धि के अनुपात में हर साल इस पेंशन राशि में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में केवल 75 वर्ष से अधिक उम्र के पेड़ ही शामिल होंगे, जबकि गिरे हुए, खोखले, मृत, सूखे और रोगग्रस्त पेड़ पात्र नहीं होंगे। उन्होंने पेड़ों को 'प्राण वायु देवता' की संज्ञा देते हुए कहा कि पेड़-पौधों से ही हमें जीवन-रक्षक ऑक्सीजन मिलती है। अगर हम सचेत नहीं हुए तो पेड़ों की कटाई से ऑक्सीजन की उपलब्धता मुश्किल हो जाएगी।
कौनसे पेड़ों को मिलेगी पेंशन
वन मंत्री कंवर पाल ने इस योजना को लेकर बताया कि इसके तहत एक ही बीज से उत्पन्न पेड़ों को शामिल किया गया है। भारतीय बरगद की तरह एक बीज से उत्पन्न होने वाले पेड़ों के उपवन को भी एक ही पेड़ माना जाएगा। योजना में गिरे हुए पेड़, खोखले, मृत, सूखे और रोगग्रस्त पेड़ शामिल नहीं किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि वन भूमि पर खड़े पेड़ इस योजना के तहत नहीं आएंगे। 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' में 75 साल से अधिक उम्र के किन-किन पेड़ों को शामिल किया जाएगा, यह फैसला एक कमेटी करेगी।
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