चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है। सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। जिसकी वजह से करीब दो महीने पहले हरियाणा के सीएम बने नायब सिंह के लिए परीक्षा की घड़ी आ गई है। क्योंकि तीनों निर्दलीय विधायकों ने सरकार का साथ छोड़ने के साथ ही कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
वहीं विधायकों के पाला बदलने के साथ ही कांग्रेस, हरियाणा सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सीएम नायब सिंह सैनी से इस्तीफे की मांग की है। हालांकि 23 मार्च को ही सैनी सरकार ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास किया था। ऐसे में 6 महीने से पहले विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराना संभव नहीं है। वहीं बीजेपी का दावा है कि हरियाणा में उनकी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। उसके पास पूर्ण बहुमत है।
पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का बयान आया सामने
इस मामले में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कोई विधायक कहीं जाएं उन्हें फर्क नहीं पड़ता। उनके संपर्क में कई विधायक हैं, जो सरकार को समर्थन दे सकते हैं। वहीं विधायकों के पाला बदलने से सीएम नायब सिंह सैनी जरा भी बेचैन नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि जिनकी इच्छाएं वो पूरी नहीं कर पाए, वो चले गए। अब जनता फैसला करेगी।
इसके अलावा सरकार से तीन विधायकों के समर्थन वापसी के बाद कांग्रेस कह रही है कि सरकार अल्पमत में है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। वहीं बीजेपी का दावा है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है।
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