
चंडीगढ़: हरियाणा के भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों को लेकर सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। अगर कोई अफसर या कर्मचारी पर भ्रष्टाचार का मामला पाया जाता है तो सरकारी कर्मचारी को 50 साल की उम्र में रिटायर कर दिया जाएगा।
सरकार ने अफसरों की 50 और 55 वर्ष की उम्र में होने वाली एक्सटेंशन को लेकर नया नियम बनाया है।
क्या है पूरा मामला?
अगर किसी अफसर और कर्मचारी पर भ्रष्टाचार का मामला पाया जाएगा तो उसे 50 वर्ष के बाद एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। हरियाणा सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने राजस्व विभाग के ग्रुप बी के अफसर की एक्सटेंशन पर रोक लगाई है।
हरियाणा सरकार के अफसरों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्त उम्र सीमा 58 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके तहत 50 वर्ष के बाद दो बार अफसरों और कर्मचारियों को एक्सटेंशन दी जाती है। इसमें पहली एक्सटेंशन 50 वर्ष की उम्र में होती है, जिसमें 5 वर्ष के लिए एक्सटेंशन दी जाती है। उसके बाद 55 वर्ष की उम्र पर दोबारा से फाइल चलती है, जहां 3 वर्ष के लिए एक्सटेंशन होती है।
हालही में सीएम सैनी ने ये मुद्दा भी उठाया था
इससे पहले हरियाणा में एसवाईएल नहर का मुद्दा गरमाया था और सीएम सैनी ने इसे लेकर पंजाब सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सतलुज यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर का मुद्दा राज्य के लिए गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया था कि पंजाब सरकार ने इस मामले में कोई प्रगति नहीं की है। दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए नहर के निर्माण को लेकर मतभेद चल रहा है। परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर नहर पंजाब में तथा 92 किलोमीटर नहर हरियाणा में बनायी जानी थी। हरियाणा ने अपने क्षेत्र में यह परियोजना पूरी कर ली है, लेकिन पंजाब, जिसने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था, ने बाद में इसे स्थगित कर दिया।