Chunav Flashback: चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार (16 अगस्त) को ऐलान किया कि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव 1 अक्टूबर (मंगलवार) को होंगे और नतीजे 4 अक्टूबर (शुक्रवार) को घोषित किए जाएंगे। चुनावों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो गई है। बता दें कि हरियाणा को 1 नवंबर, 1966 को पंजाब से अलग करके एक अलग राज्य बनाया गया था। हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 46 है।
1996 के हरियाणा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला
अगर हम 1996 के चुनावों की बात करें तो हरियाणा में सत्ता के लिए त्रिकोणीय मुकाबला था। बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (HVP) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया था। जबकि भजनलाल की सत्तारूढ़ कांग्रेस और देवीलाल-ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली समता पार्टी भी मैदान में ताल ठोक रही थी। इन सभी पार्टियों का दावा था कि वे अगली सरकार बनाएंगे। उस समय बंसी लाल हरियाणा में एक प्रमुख जाट नेता थे।
1996 के हरियाणा विधानसभा चुनाव का मुख्य एजेंडा क्या था?
समता पार्टी और HVP-भाजपा गठबंधन ने 1996 के चुनावों में भ्रष्टाचार को अपना मुख्य मुद्दा बनाया था।
1996 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या हुआ था?
1996 के चुनावों में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (HVP) ने 65 सीटों पर चुनाव लड़ा और 33 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 11 सीटें हासिल कीं। HVP को 22.66 प्रतिशत वोट मिले, जबकि BJP को 8.88 फीसदी वोट प्राप्त हुए। दूसरी तरफ, ओम प्रकाश चौटाला की अगुआई वाली समता पार्टी ने 20.56 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 24 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने 20.82 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सिर्फ 9 सीटें जीतीं और उसका सफाया हो गया।
हरियाणा में 1996 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ?
उसी साल लोकसभा चुनाव भी हुए थे जिसमें सूबे में भाजपा को 4 सीटें मिलीं और हरियाणा विकास पार्टी ने 3 सीटें हासिल कीं।
परिणाम घोषित होने से पहले 1996 के चुनाव के आंकड़े
हरियाणा में चुनाव के नतीजे आने से पहले माना जा रहा था कि भजनलाल द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में जाटों को अलग-थलग करना कांग्रेस के लिए महंगा साबित हो सकता है। 1991 में देवीलाल-चौटाला विरोधी लहर के परिणामस्वरूप इन वोटों का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की ओर चला गया था। 1991 के हरियाणा चुनावों में, कांग्रेस ने 33.73 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 51 सीटें जीतीं थीं। जनता पार्टी (जेपी), एचवीपी और भाजपा ने क्रमशः 16, 12 और 2 सीटें जीती थीं।