हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां जुट गई हैं। राज्य की सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोट डालेंगे जाएंगे। 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। हरियाणा की सत्ता में पिछले 10 साल से भारतीय जनता पार्टी काबिज है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है, ऐसे में इस बार बराबर की टक्कर देखने को मिल सकती है। हरियाणा की नूंह विधानसभा सीट की बात की जाएं तो यह गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र की 9 विधानसभा सीटों में से एक है। नूंह में बीजेपी को अभी तक जीत हासिल नहीं हुई है।
नूंह सीट का चुनावी इतिहास
नूहं से अब तक 5 बार निर्दलीय विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। नूंह सीट पर दो ही परिवारों का मुख्य रूप से दबदबा रहा है। 1967 के विधानसभा चुनावों के नूंह विधानसभा से चौधरी रहीम खान ने पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता था। रहीम खान तीन बार निर्दलीय विधायक बने, जबकि खुर्शीद अहमद दो बार विधायक रह चुके हैं। 1989 में हुए उपचुनाव में हसन मोहम्मद निर्दलीय चुनाव जीता था। 2005 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार हबीबुर्रहमान ने बाजी मारी, जबकि 2014 में नूंह की यह सीट आईएनएलडी के खाते में चली गई। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जाकिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी आफताब अहमद से हार गए।
नूंह सीट पर मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है। पिछले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के आफताब अहमद ने बीजेपी प्रत्याशी जाकिर हुसैन को 4 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। यहां से तीसरे स्थान पर जेजेपी के तैयब हुसैन रहे। आफताब अहमद पहली बार 2009 में नूंह से हरियाणा विधानसभा के सदस्य चुने गए थे। इसके बाद 2019 में दूसरी बार इस सीट से चुनाव जीते।