हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक ललित नागर 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर गुरुवार को रो पड़े और कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन उनकी ‘‘पीठ में छुरा घोंपा गया।’’ फरीदाबाद के तिगांव में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए नागर ने कहा, "मैंने आप सभी को यह सोचकर आज आमंत्रित किया था कि मैं हवन करूंगा और फिर कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करूंगा। लेकिन हमारे कुछ दुश्मनों ने साजिश रची और मेरी राजनीतिक हत्या करने का प्रयास किया।"
'कुछ षड्यंत्रकारियों ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा'
नागर तिगांव विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस ने इस सीट से नए चेहरे रोहित नागर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर शारदा राठौर और जितेन्द्र कुमार भारद्वाज ने भी नाराजगी व्यक्त की है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की तरह कांग्रेस भी टिकट नहीं दिए जाने पर कुछ नेताओं की नाराजगी का सामना कर रही है। ललित नागर ने अपने समर्थकों से कहा कि उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन "कुछ षड्यंत्रकारियों ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा।"
निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव?
कांग्रेस द्वारा तिगांव से रोहित नागर को चुनाव लड़ाने पर पूर्व विधायक ने कहा, "अगर मेरी पार्टी ने कोई मजबूत उम्मीदवार उतारा होता तो मैं समझ सकता था, लेकिन ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया गया है जिन्हें लोग जानते तक नहीं हैं।" उन्होंने अपने समर्थकों से सुझाव मांगे, जिन्होंने उन्हें स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की सलाह दी। ललित नागर ने कहा, "अब आपको मेरा चुनाव लड़ना होगा।"
'सेवा, समर्पण और निष्ठा की हुई हार'
पूर्व विधायक और बल्लभगढ़ से टिकट की दावेदार राठौर भी कांग्रेस द्वारा टिकट देने से इनकार किए जाने पर अपने समर्थकों के सामने रो पड़ीं। गुरुग्राम के सोहना विधानसभा क्षेत्र में भी नाराजगी सामने आई है। यहां मजबूत दावेदार और पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कुमार भारद्वाज को टिकट नहीं मिला। भारद्वाज ने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, "माफ करना दोस्तों, आज सेवा, समर्पण और निष्ठा की हार हुई।" (भाषा इनपुट्स के साथ)