अंबाला कैंट: हरियाणा में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और इसके साथ ही सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों को अमली जामा पहनाने में जुट गई हैं। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी तथा नामांकन 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं जबकि नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी। हरियाणा की सभी 90 सीटों पर मतदान एक चरण में 01 अक्टूबर को होगा तथा 04 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी। इन्हीं 90 सीटों में से एक सीट अंबाला की भी है जहां से बीजेपी के कद्दावर नेता अनिल विज जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।
2019 में आराम से जीत गए थे अनिल विज
2019 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी नेता अनित विज ने अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी चित्रा सरवारा को आसानी से मात दे दी थी। उन चुनावों में विज को 64571 वोट मिले थे जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहीं चित्रा सरवारा के नाम के आगे का बटन 44,406 लोगों ने दबाया था। कांग्रेस की वेणु सिंगला भी मैदान में थीं लेकिन वह सिर्फ 8534 वोटों पर ही सीमित रह गई थीं। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में इस सीट पर नोटा को भी 1013 वोट मिले थे। बता दें कि अनिल विज ने यह सीट 2014 और 2009 में भी अच्छे अंतर से जीती थी।
2.01 करोड़ मतदाताओं में से 95 लाख महिलाएं
चुनावी समीकरणों की बात करें तो कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि बीजेपी एंटी-इनकंबैंसी के जाल में फंस जाएगी और सूबे में सत्ता परिवर्तन होगा। वहीं, चुनाव के कुछ ही महीने पहले मुख्यमंत्री बदलने वाली बीजेपी का मानना है कि उसकी रणनीति कामयाब होगी और वह सूबे में लगातार तीसरी बार सत्ता में आएगी। बता दें कि हरियाणा के 90 विधायकों का फैसला कुल 2.01 करोड़ मतदाताओं के हाथ में है जिनमें से 95 लाख महिलाएं हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में BJP ने JJP के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी लेकिन लोकसभा चुनाव के समय यह गठबंधन टूट गया था। बाद में निर्दलीय विधायकों की मदद से बीजेपी ने अपनी सरकार बचा ली थी।