Thursday, November 21, 2024
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हरियाणा में दिखेगा नया राजनीतिक गठबंधन, दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर आजाद से मिलाया हाथ

आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान खुद हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने किया है। जेजेपी और आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन के बाद अब देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में दलित वोटों का क्या रुख रहता है?

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: August 27, 2024 14:37 IST
dushyant chautala chandrashekhar azad- India TV Hindi
Image Source : PTI चंद्रशेखर आजाद और दुष्यंत चौटाला

हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) ने बड़ा दांव खेला है। जेजेपी और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के बीच गठबंधन हो गया है। इस महत्वपूर्ण गठबंधन की आधिकारिक घोषणा आज दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके की गई। चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली एसपी और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी क्रमश: दलित और जाट वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। यह गठबंधन बहुत मायने रखता है, क्योंकि इससे पहले ही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच भी गठबंधन हो चुका है। 

दुष्यंत चौटाला ने क्या लिखा?

आजाद समाज पार्टी के गठबंधन का ऐलान खुद हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने किया है। चौटाला ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, ''किसान-कमेरों की लड़ाई, हम लड़ते रहेंगे बिना आराम, ताऊ देवीलाल की नीतियां, विचारधारा में मान्यवर कांशीराम।''

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुष्यंत चौटाला ने कहा, ''आगामी हरियाणा विधानसभा के चुनाव में हम इक्कठे मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा प्रदेश के अंदर ये मजबूती के साथ संगठन काम करेगा और हम युवा सरकार बनाने का काम करेंगे। देवीलाल और कांशीराम जी तरह ही 1998 में जैसे चुनाव लड़े थे वैसे ही लड़ेंगे। दोनों संगठनों ने ये निर्णय लिया है पूरे प्रदेश में मजबूती के साथ लड़ेंगे। हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों की उन्नति व कमेरे वर्ग को बेहतर सुविधा देने की है।''

दलित वोटों का क्या रुख रहता है?

जेजेपी और आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन के बाद अब देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में दलित वोटों का क्या रुख रहता है? हरियाणा में दलित वोट बैंक 21 फीसदी है। ऐसा माना गया था कि बीजेपी से दलित वोट बैंक छिटकने की वजह से ही पार्टी को सिरसा और अंबाला की सीटें गंवानी पड़ी थीं।

90 सीटों पर एक ही चरण में चुनाव

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटे हैं। चुनाव आयोग ने इन सभी सीटों पर एक ही चरण में मतदान कराने का फैसला किया है। सभी राज्य में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे 4 अक्टूबर को सामने आएंगे। इसी दिन जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे भी सामने आएंगे। हरियाणा में एक तरफ सत्ताधारी बीजेपी है तो दूसरी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जेजेपी और अन्य छोटे दल हैं। अब देखना है कि इस बार के चुनाव में किस दल को जीत मिलती है और किसकी हार होती है।

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