दिल्ली से सटे गुरुग्राम में गुरुवार को निर्माणाधीन इमारत गिरने के 24 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करने की घोषणा की गई। इस दुर्घटना में 7 लोगों की मौत हो गई। रात करीब 11 बजे सभी सातों मृतकों के शवों को बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद भी शुक्रवार सुबह 6 बजे तक NDRF, SDRF, दमकल विभाग और गुरुग्राम पुलिस की टीमें मलबे में शवों की खोज करती रहीं। इसके बाद सुबह 6 बजे पूरा मलबा साफ करने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करने की घोषणा कर दी गई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इमारत हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को 3 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
बता दें कि गुरुवार को गुरुग्राम के उल्लावास इलाके में एक 4 मंजिला निर्माणाधीन इमारत धराशाही हो गई। संकरी गलियों में स्थित होने के चलते राहत और बचाव कार्य में एजेंसियों को काफी मुश्किलें आई। शुरुआत में खबर मिली थी कि 8 से 10 लोग इमारत की निचली मंजिल पर सो रहे थे। मृतकों की तलाश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर सर्विस के जवानों ने मलबे के भीतर लोगों की तलाश शुरू कर दी। दिन भर एक एक कर 6 शव बरामद किए गए। सातवें व्यक्ति प्रदीप शर्मा का शव रात करीब साढ़े 11 बजे मिला।
बताया जा रहा है कि इमारत पहले तीन मंजिला थी। चौथी मंजिल के लिए बुधवार को एक और कंक्रीट की छत रखी गई थी, जो पहले ढही और फिर फौरन ही पूरी इमारत के ढहने का कारण बनी।