गुरुग्राम के एम्बियंस होटल के ए डॉट में सीजन कैटरिंग सर्विसेज द्वारा इम्मा (EEMA इवेंट एंड इंटरटेनमेंट मैनजमेंट एसोसिएशन) इवेंट को अपने खास मेहमान नवाजी और फूड थीम, मल्टी वेरायटी से हर किसी का दिल जीत लिया। सीजन कैटरिंग सर्विसेज इम्मा की सहयोगी कंपनी है। इम्मा एक नॉन प्रॉपिट आर्गनाइजेशन है जिससे इवेंट, मार्केटिंग इंडस्ट्रीज और कैटरिंग से जुड़ी देश की कई कंपनियां, संस्थान और प्रोफेशनल्स जुड़े हैं।
संजय खुल्लर ने अपने करियर की शुरूआत प्रसिद्ध होटल ताज और वेलकम ग्रुप के साथ की थी। तीन अगस्त की शाम ‘ए डॉट’ में आयोजित ग्रैंड इम्मा अवार्ड के 700 से अधिक मेहमान गवाह बनें। संजय खुल्लर ने इवेंट में आए सभी मेहमानों के लिए कई खास इंतजाम किए जो उनके लिए एक सुनहरी याद की तरह हमेशा याद रहेगा। 25 साल की शानदार विरासत के साथ सीजन कैटरिंग सर्विसेज द्वारा इवेंट वेन्यू की गजब की सजावट ने मेहमानों को वेन्यू में प्रवेश के साथ ही उत्साहित कर दिया।
मेहमानों के खाने की जिम्मेदारी वर्ल्ड फेम मिचलिन स्टार्ड बावर्ची (शेफ) निशांत चौबे ने बखूबी निभाई। हर किसी के लिए यहां बहुत कुछ खास था। जैसे चाशनी स्टॉल, सात्विक गौरमें रेस्टोरेंट, मोमोज स्टॉल, लाहौर से अमृतसर स्टॉल और वुफे स्टॉल ने लोगों को उनकी भूख से डबल खाने के लिए मजबूर कर दिया।
चाशनी स्टॉल : चाशनी स्टॉल में सभी स्वीट्स चाशनी से भरे थे। हर किसी के मुंह में गर्म जलेबी रबड़ी के साथ, गुलाब जामुन, रसभरी गुजिया और मलाई बैलून समेत कई स्वीट्स देखकर ही मुंह पानी आ गया था।
सात्विक गौरमें स्टॉल : सात्विक गौरमें स्टॉल में शुद्ध देशी व्यंजन थे। जिनमें आर्गेनिक फूड का ही प्रयोग किया गया था। इन व्यंजनों में लहसन, प्याज का प्रयोग किसी भी तरह से नहीं किया गया था। इनके स्वाद तो कभी न भुलने वाले थे।
मोमोज स्टॉल : युवाओं की पसंद और हेल्दी फूड को ध्यान में रखते हुए मोमोज स्टॉल हर किसी के लिए खास बन गया था। यहां इंडस सिविलाइजेशन के तिब्बती मोमोज लोगों को खूब पसंद आए।
लाहौर से अमृतसर स्टॉल : पंजाबी पकवानों की शानदार परंपरा और जायका यहां हर किसी को खूब भाया। छोले- भठूरे, मसाला मटन सब्जी, बटर चिकन ने हर किसी को खूब लुभाया।
वुफे स्टॉल : सबसे बड़े स्टॉल में भारत के हर राज्य के स्पेशल फूड का खास प्रबंध था। इनमें कश्मीर, गुजराती, राजस्थानी, साउथ इंडियन और नार्थ इंडियन फूड की ढेरों वेरायटी थी। इस स्टॉल के हर व्यंजन के लिए लोगों को काफी दूर तक जाना पड़ रहा था।