
हरियाणा के गुरुग्राम में प्रशासन ने चिंटेल पैराडाइसो हाउसिंग सोसाइटी के तीन टावर ए, बी और सी को खाली करने के आदेश दिये हैं। इन टावर में बने फ्लैट में रह रहे परिवारों को तत्काल प्रभाव से अपने-अपने घरों को खाली करने को कहा गया है। यह आदेश केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) द्वारा की गई संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें इन टावरों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया गया था।
गुरुग्राम के उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 को लागू करने के लिए जारी आदेश के तहत सभी तीन टावर को 15 दिनों के भीतर खाली करना होगा। चिंटेल पैराडाइसो सोसाइटी के टावर ‘डी’ की छह मंजिलें आंशिक रूप से 10 फरवरी 2022 को ढह गईं थीं, जिससे दो महिलाओं की मौत हो गई थी।
लोगों ने किया विरोध
चिंटेल पैराडाइसो हाउसिंग सोसाइटी के जिन तीन टावरों को खाली कराने का आदेश दिया गया है, उनमें कुल 192 फ्लैट हैं, जिसमें करीब 150 परिवार रह रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि अब तक वैकल्पिक आवास के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन घर खाली करने के आदेश दे दिए गए हैं। इससे यहां रहने वाले लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन आदेशों को वापस लिया जाना चाहिए। जब तब उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वह फ्लैट खाली नहीं करेंगे। वहीं, प्रशासन का कहना है कि अगर लोगों ने समय पर घर खाली नहीं किए तो पुलिस की मदद से घर खाली कराए जाएंगे।
क्यों खाली कराए जा रहे घर?
द्वारका एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-109 में बसी चिंटल पैराडिसो सोसायटी में कुल नौ टावर हैं। आईटी दिल्ली और केंद्रीय बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की जांच में यह सोसायटी रहने लायक नहीं पाई गई है। इसके बाद इसे गिराने का फैसला किया गया है। इसके छह टावर (डी, ई, एफ, जी, एच व जे) को पहले ही खाली कराया जा चुका है। अब डीएम ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बुधवार देर शाम टावर ए, बी व सी को खाली करने के आदेश जारी किए गए हैं। (इनपुट- पीटीआई)