चंडीगढ़: हरियाणा को किसानों का राज्य कहा जाता है। यहां की आधी से ज्यादा आबादी और राज्य की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा खेती पर ही आधारित है। राज्य सरकार भी किसानों की उन्नति और आधुनिकता के लिए कई कार्यक्रम भी चलाती है, जिससे किसान कम लागत और कम मेहनत से ज्यादा फायदा पा सकें। इसी क्रम में हरियाणा के हर ज़िले के डीडीए के साथ डॉ. सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि और डॉ. नरहरि बांगड़, निदेशक, कृषि विभाग ने वर्कशॉप किया।
कई विषयों पर की गई चर्चा
वर्कशॉप में विपरीत मौसम से हुई फसल क्षति, फसल विविधीकरण, कृषि में हो रहे नवाचार, नैनो उर्वरकों के उपयोग, ड्रोन तकनीक के उपयोग, प्राकृतिक खेती आदि के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। वर्कशॉप के दौरान डॉ. सुमिता मिश्रा ने पिछले साल सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर, उससे हुई उपलब्धियों का जायज़ा लिया। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने को लेकर डीडीए के साथ विचार-विमर्श किया। दोनों ही अधिकारियों ने वर्तमान में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की।
वर्कशॉप के दौरान डॉ. सुमिता मिश्रा ने पिछले साल की उपलब्धियों और कमियों को देखते हुए आने वाला वर्ष कैसे बेहतर परिणाम लेकर आयें, इस बात पर गहरा मंथन किया। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि, डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि किसान हितैषी सरकारी योजनाओं को हम जन-जन तक ले जाएंगे। हमने किसानों की सहायता हेतु मार्केटिंग इंटेलिजेंस इकाई बनाया है। पिछला साल काफ़ी अच्छा रहा। हमें योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर किसानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। हरियाणा कृषि विकास मेले में भी और सालों की अपेक्षा अधिक सहभागिता रही। विभिन्न माध्यमों से हमारा प्रयास जारी है कि अधिक से अधिक किसान भाई लाभान्वित हो सकें।