पंजाब के किसानों की ओर से दिल्ली कूच का ऐलान किए जाने के बाद से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस और किसान आंदोलनकारियों के बीच हिंसा जारी है। किसान बॉर्डर पार कर के दिल्ली जाना चाहते हैं लेकिन हरियाणा पुलिस उन्हें आगे बढ़ने देने के मूड में नहीं है। किसानों की ओर से पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की जा रही है तो वहीं, पुलिस द्वारा भी किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। इस बीच अंबाला पुलिस ने नोटिस जारी करते हुए ऐलान किया है कि किसान आंदोलन के नाम पर सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति को किए गए नुकसान की भरपाई आन्दोलनकारियों से की जाएगी।
नुकसान का आंकलन किया जा रहा- अंबाला पुलिस
अंबाला पुलिस ने जारी किए गए नोटिस में कहा है कि दिनांक 13 फरवरी 2024 से किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर रामू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को तोडने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं व पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी व हुडदंग बाजी करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की प्रतिदिन कौशिश की जा रही है। इस दौरान उपद्रवीयों द्वारा सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया जा चुका है। पुलिस ने बताया है कि आन्दोलनकारियों द्वारा सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति को किये गये नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
पहले भी सतर्क किया गया था- अंबाला पुलिस
अंबाला पुलिस ने कहा है कि प्रशासन द्वारा पहले ही इस सम्बन्ध में आमजन को सुचित/सर्तक किया गया था कि इस आन्दोलन के दौरान आन्दोलनकारियों द्वारा अगर सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति को नुकसान पंहुचाया गया तो इस नुकसान की भरपाई उनकी सम्पति व बैंक खातों को सीज करके की जाएगी। पुलिस ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (पीडीपीपी एक्ट 1984) में संशोधन है। जिसमें आन्दोलन के दौरान आन्दोलनकारियों के द्वारा सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने व आन्दोलन का आह्वान करने वाले लोगों और उस संगठन के पदाधिकारियों को किसी भी नुकसान के लिये जिम्मेदार माना जाता है।
आन्दोलनकारियों व संगठन के पदाधिकारियों पर लटकी तलवार
अंबाला पुलिस ने आगे ये भी बताया है कि हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2021 के अनुसार, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नुकसान पहुंचाने वालों की सम्पति कुर्की और बैंक खातों को सीज करके सरकारी सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई का प्रावधान है। इसी सम्बन्ध में आन्दोलनकारियों व संगठन के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कार्यवाही अमल में लाई जा रही हैं। पुलिस ने ये भी कहा है कि इस आन्दोलन के दौरान किसी भी आमजन की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है तो वह नुकसान का ब्यौरा प्रशासन को दे सकता है।
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