Sunday, February 16, 2025
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हरियाणा में डॉक्टरों ने शुरू की हड़ताल, सरकारी अस्पतालों में मरीजों को हो रही परेशानी

हरियाणा में राज्य के डॉक्टरों ने अपनी कुछ मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दिया है। इस हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों को खासा परेशानी हो रही है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jul 25, 2024 16:44 IST, Updated : Jul 25, 2024 16:44 IST
प्रतिकात्मक फोटो
Image Source : FILE PHOTO प्रतिकात्मक फोटो

चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी डाक्टरों ने अपनी विभिन्न मांगें पूरी न होने के विरोध में गुरुवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की, जिससे सरकारी हॉस्पिटल में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) संगठन के नेतृत्व में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। संगठन ने डॉक्टर स्पेशलिस्ट कैडर का गठन, सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) की सीधी भर्ती नहीं करना, पोस्टग्रेजुएट कोर्सों के लिए बांड राशि कम करने सहित अनेक मांग की है।

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू

संगठन ने डॉक्टरों की मांगें पूरी न होने के विरोध में सरकारी अस्पतालों में हेल्थ सर्विसेज बंद करने का आह्वान किया। वहीं, राज्य सरकार ने हड़ताल से मरीजों पर पड़ने वाले असर पर विचार करने का संगठन से आग्रह किया है। संगठन के अध्यक्ष डॉ.राजेश ख्यालिया ने कहा,"राज्य भर में विभिन्न सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। डॉ.राजेश ख्यालिया सहित 4 डॉक्टर बुधवार को पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं।

बैठक में शामिल होंगे

राज्य सरकार द्वारा संगठन को वार्ता के लिए निमंत्रण दिए जाने पर डॉ ख्यालिया ने कहा, "हम बैठक में शामिल होंगे, लेकिन अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।" पानीपत और गुरुग्राम सहित कई स्थानों पर जिला अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं। कुछ अन्य स्थानों पर ओपीडी में इलाज कराने आए कुछ मरीजों ने बताया कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे, इंटर्नशिप कर रहे और सेवानिवृत्त चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं।

केवल आश्वासन दिया जा रहा

आगे डॉ. ख्यालिया ने कहा, "पिछले कई माह से हमारी मांग के संबंध में हमें केवल आश्वासन दिया जा रहा है, पर इन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया। इसलिए हमने ओपीडी, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम सहित स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बंद रखने का फैसला किया है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 18 जुलाई को हमें आश्वासन दिया था कि हमारी दो मांगों के संबंध में 24 जुलाई से पहले नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी पर कुछ भी नहीं हुआ। हमने सरकार से एक माह पहले कहा था कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम 25 जुलाई से सभी सेवाएं बंद कर देंगे।"

स्वास्थ्य मंत्री ने किया आग्रह

वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने उनसे आग्रह किया है कि वे हड़ताल से आम जनता पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें। उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि आपके सदस्यों द्वारा कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं और मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आपकी इन मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।" स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,"हाल ही में मैंने मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ इन मामलों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी। हम आपकी मांगों को समझते हैं और इसके लिए हम एक ऐसा समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं जो सभी पक्षों के लिए भी संतोषजनक हो।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि हड़ताल से हमारे मरीजों और आम जनता पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के बारे में सोंचे। यह हमारी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य सेवाएं रुके नहीं, खासकर उन लोगों के लिए जो जरूरत के समय हम पर निर्भर रहते हैं।"

पहले भी हुए थे हड़ताल

इससे पहले राज्य के सरकारी डॉक्टरों ने 15 जुलाई को अपनी मांगों को लेकर दो घंटे की हड़ताल की थी। हड़ताल के कारण राज्य भर के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

(इनपुट- पीटीआई)

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