हरियाणा के पानीपत के एक अस्पताल में मरीज के दाहिने घुटने के स्थान पर कथित तौर पर बायें घुटने का ऑपरेशन किए जाने की खबरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। आयोग ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि खबर के अनुसार अस्पताल ने आयुष्मान-भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभार्थी होने के बावजूद मरीज से शुल्क भी वसूला। आयोग ने इस खबर का ‘‘स्वत: संज्ञान लिया कि पानीपत के एक अस्पताल में एक मरीज के चोटिल दाहिने घुटने के स्थान पर उसके बायें घुटने का कथित रूप से ऑपरेशन कर दिया गया।’’
डॉक्टरों ने की गलत घुटने की सर्जरी, चल-फिर नहीं पा रहा पीड़ित
बयान के अनुसार खबरों में यह भी कहा गया है जब परिवार के सदस्यों ने विरोध किया तब डॉक्टरों ने तत्काल उसके दूसरे घुटने की सर्जरी की लेकिन अब मरीज चल-फिर नहीं पा रहा है। अस्पताल ने उससे 8000 रुपये लिए और उसका आयुष्मान भारत कार्ड भी ले लिया। आयोग ने कहा है कि यदि खबर की विषय-वस्तु में सच्चाई है, तो इससे "चिकित्सा लापरवाही के कारण पीड़ित के जीवन और स्वास्थ्य के अधिकारों के उल्लंघन" जैसे गंभीर मुद्दे उठते हैं। आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मानवाधिकार आयोग ने कहा- अधिकारी जवाबदेही से नहीं बच सकते
उसने इन दोनों से यह भी बताने को कहा है कि अपराधियों के प्रति क्या कार्रवाई की गयी और मरीज को क्या कोई मुआवजा दिया गया। एनएचआरसी ने कहा, ‘‘ऐसे निजी अस्पतालों, जहां मरीजों का शोषण किया जाता है और उनके साथ क्रूर एवं अमानवीय व्यवहार किया जाता है, पर नजर रखने के अपने दायित्व को निभाने में विफल रहने वाले अधिकारी जवाबदेही से बच नहीं सकते।’’ खबर के अनुसार मरीज के परिवार के सदस्यों की 2006 में एक दुर्घटना में मौत हो गयी और तब से वह मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रहा था। घर में साफ-सफाई के दौरान वह गिर गया और उसके दाहिने घुटने में चोट लग गयी थी।
(इनपुट-भाषा)