हरियाणा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शीतलहर और कोहरे के चलते आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। यहां कोहरे के कारण कम से कम 25 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। शीतलहर के चलते लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ा है। हालांकि, आने वाले दिनों में भी ठंड और कोहरे से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने पूरे उत्तर भारत में अगले दो-तीन दिनों तक घने कोहरे और शीतलहर की चेतावनी जारी की है।
30 दिसंबर को हरियाणा में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहा। दो शहर, हिसार और भिवानी में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया। भिवानी का तापमान 8.5 डिग्री और हिसार का तापमान 9 डिग्री दर्ज किया गया।
तापमान सामान्य से नीचे
हरियाणा में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, कई स्थानों पर सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता कम हो गई। स्थानीय मौसम कार्यालय के अनुसार, चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अंबाला में अधिकतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि हिसार में 13.6 डिग्री सेल्सियस, करनाल में 13 डिग्री सेल्सियस, रोहतक में 12.2 डिग्री सेल्सियस, सिरसा में 13.4 डिग्री सेल्सियस और गुरुग्राम में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब के अमृतसर में दिन का तापमान 16.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि लुधियाना में 16 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। पटियाला में अधिकतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि फरीदकोट और मोहाली में अधिकतम तापमान क्रमशः 17.5 डिग्री सेल्सियस और 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बारिश से किसानों को फायदा
करनाल में बारिश से ठंड बढ़ गई है। यह बारिश खासकर गेहूं के लिए वरदान मानी जा रही है। जिन किसानों ने समय पर गेहूं की बिजाई की है, उनकी दूसरी सिंचाई का खर्च बच गया है। किसानों का कहना है कि अब तक यह बारिश गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है। अगर इससे ज्यादा बरसात होती है तो नुकसान होगा। भारतीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थानके निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने बताया कि मौजूदा समय में गेहूं को 10 से 15 डिग्री सेल्सियस का औसत तापमान चाहिए, जो मिल रहा है। आजकल रात को सर्दी और दिन को चमकदार धूप होती है, ये गेहूं के पौधे के लिए अच्छी स्थिति है, इसमें गेहूं का पौधा अनंदित होता है। उसकी किलरिंग व बढ़वार अच्छी होती है। जहां तक इन दिनों को कोहरे की बात है तो दो या तीन दिन के कोहरे का कोई फर्क नहीं पड़ता है। यदि लंबे समय तक घना कोहरा पड़ता है तो नुकसान की आशंका बन सकती है लेकिन अभी तक ऐसा कोई अनुमान है नहीं, इसलिए किसानों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।