हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज इन दिनों नाराज चल रहे हैं। नायब सिंह सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री नामित किए जाने के समय उनकी नाराजगी सामने आई थी, तो वहीं अब उन्हें कैबिनेट से भी बाहर रखा गया है। उनकी नाराजगी पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अनिल विज उनके वरिष्ठ नेता हैं और वह उनसे जाकर मुलाकात करेंगे। सीएम ने कहा कि उन्हें विज से मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
क्यों नाराज हैं अनिल विज?
माना जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज इस बात से नाराज चल रहे हैं कि उन्हें विश्वास में लिए बिना ही पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। रोहतक में पार्टी की एक बैठक से इतर पत्रकारों से बात करते हुए नायब सिंह सैनी से पूछा गया कि विज क्यों नाराज हैं, इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, "कोई नाराज नहीं है। अनिल विज साहब हमारे नेता हैं, वरिष्ठ नेता हैं, उनका मार्गदर्शन मिलता है, आगे भी उनका मार्गदर्शन मिलेगा। मैं स्वयं आदरणीय अनिल विज जी के पास जाऊंगा।"
कैबिनेट में विज को नहीं मिली जगह
नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाले कैबिनेट में अनिल विज को जगह नहीं मिली है, जबकि कहा गया था कि उनका नाम मंत्रियों की शुरुआती लिस्ट में था। सैनी और पांच मंत्रियों ने पिछले सप्ताह शपथ ली थी। हरियाणा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 14 मंत्री ही हो सकते हैं। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने चंडीगढ़ में राजभवन में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में मुख्यमंत्री सैनी और मनोहर लाल मौजूद थे।
मंत्रिमंडल में 8 नए चेहरे शामिल
हिसार से बीजेपी विधायक कमल गुप्ता ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। फरीदाबाद जिले के बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा सहित सात नए चेहरों को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया। त्रिखा मंत्रिमंडल में अकेली महिला हैं। अन्य मंत्रियों में पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा, अंबाला सिटी से विधायक असीम गोयल, महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी क्षेत्र से विधायक अभय सिंह यादव, कुरुक्षेत्र के थानेसर से विधायक सुभाष सुधा, भिवानी के बवानी खेड़ा से विधायक बिशंबर सिंह वाल्मीकि और गुरुग्राम के सोहना से विधायक संजय सिंह शामिल हैं। (इनपुट- भाषा)
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