हरियाणा में भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनने जा रही है। इसी सिलसिले में आज राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। उन्होंने आज इंटरव्यू में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने राज्य में कांग्रेस की सत्ता से जुड़े सवाल पर कहा, 'हमें एक दिन भी नहीं लगा कि कांग्रेस आएगी हम लोगों की नब्ज़ जानते हैं। जब एजेंसियों की रिपोर्ट आने शुरू हुए तब कार्यकर्ता डिमोरोलाइज़ होने शुरू हुए तब जिस दिन एग्ज़िट पोल आया कांग्रेस की सत्ता दिखा रहे थे और हमारी 18 सीटें दिखा रहे थे।'
'मुझे पता था कि सरकार हमारी बनेगी'
आगे उन्होने कहा कि इसके बाद उस दिन भी मैंने कहा कि सरकार हमारी यानी भारतीय जनता पार्टी की ही बनेगी, तीसरी बार और वह भी किसी के समर्थन के बिना। जिस दिन रुझान आए हैं कांग्रेस का दफ़्तर सज गया था, घोड़े आ गए थे, लड्डू बट रहे थे, बस जलेबियां किसी कारणवश नहीं आ सकी। उस दिन राहुल गांधी देर से उठा उसकी फ़ैक्ट्री चालू नहीं हुई जलेबियों की खेप नहीं आई लेकिन श्रेय लेने के लिए हर कोई आगे था। हुड्डा जी कह रहे थे कि मेरी नीतियों की वजह से यह कमाल हो गया, लेकिन हमें पता था क्योंकि हम भी राजनीतिक पंडित है। सारी ज़िंदगी राजनीति में लगाई है, लोगों के बीच में बैठकर राजनीति करते हैं। लोगों की नब्ज़ जानता हूँ इसलिए मेरा मन में एक दिन भी नहीं डोला।
आगे विज ने कहा कि हम एक संगठनात्मक पार्टी है। चुनाव के वक़्त इकट्ठे होने वाले लोग नहीं हैं, न हमारे जो सैनिक हैं उन्हें बैरकों में जाने का टाइम नहीं दिया जाता है, हमारे कार्यकर्ता तैयार थे। जब में चुनाव में पीछे रहा तो मैं तब भी ख़ुश था और मैंने उस वक़्त गाना गाया।
नाराजगी पर दिया स्पष्टीकरण
नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने पर विज से पूछा गया कि आप उस दौरान नाराज हो गए थे। इस पर उन्होंने कहा कि मैं पिछली बार नाराज नहीं हुआ था, जब नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया। अनिल विज कभी नाराज़ नहीं होता। ठीक बात लोगों तक पहुँचते ही नहीं हैं और वह अर्थ का अनर्थ कर देते हैं। जब मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे, मैं तब भी उनसे कहता था कि मुझे रिलीव कर दीजिए कि मैं अपने हल्के में समय देना चाहता हूँ, तब वो नहीं मानते थे वो हँस कर टाल देते थे। जब नई कैबिनेट बनने लगी मुझे लगा मौक़ा आ गया है अब मुझे हल्के में समय देना चाहिए है, इसमें क्या ग़लत है?
मुख्यमंत्री बनने वाले बयान को तोड़ा मरोड़ा गया
अनिल विज ने आगे कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने वाले बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने कहीं नहीं कहा कि मैं बनना चाहता हूँ। हमारी पार्टी की यह संस्कृति नहीं है और मैं जानता हूँ कि जो दावा करता है सबसे पहले उसे बाहर निकाल दिया जाता है। सारी उम्र इसी पार्टी में निकाली है, मैंने सिर्फ़ एक स्पष्टीकरण दिया था जिस वक़्त मनोहर लाल जी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, उस वक़्त भी सीनियर मोस्ट था और उससे पहले कांग्रेस के भ्रष्टाचार के सारे केस मैंने हीं खोले हैं, मैंने तब भी क्लेम नहीं किया। जब अदला बदली हुई मनोहर लाल जी को हटाकर नायब सिंह सैनी को बनाया गया जोकि काफ़ी जूनियर था तो कार्यकर्ताओं में एक चर्चा शुरू हुई why not अनिल? तो वहाँ पर हमारे अधिकारियों ने जवाब दिया कि अनिल विज से एतराज़ नहीं है लेकिन वो बनना नहीं चाहता।
'हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा'
आगे कहा कि दो कार्यकर्ता मुझसे आकर लड़े कि आप क्यों इनकार करते हो। फिर मैंने कहा कि मैंने कभी इनकार किया नहीं अगर मुझे मौक़ा देते तो मैं बन जाता। मैंने वो स्पष्ट करने की कोशिश की,ये मेरी माँग नहीं है लेकिन अगर पार्टी मुझे या दायित्व देती है तो मैं उसको निभाउंगा। मैं हरियाणा की तक़दीर और हरियाणा की तस्वीर बदल दूँगा।
नए दायित्व को लेकर मेरी तो अभी किसी के साथ कोई बात नहीं हुई, अलबत्ता मैं सीनियर मोस्ट और 7 बार में जीत चुका हूं और आठवीं बार जीतने की मैंने कल से तैयारी शुरू कर दी है। जब आलाकमान मुझसे बात करेगी, सीनियर आदमी हूँ तो अपनी बात कहूंगा लेकिन मैंने कभी भी कोई भी दायित्व है लेने से इनकार नहीं किया है। जब बात होगी बातों का तो आदान प्रदान होगा ही उस पर तो रोक नहीं लगा सकते।
बयान की वजह से हुई जीत
विज ने आगे कहा कि जिस समय मेरा ये बयान आया उससे पूरे हरियाणा में एक वेव बन गई जो एजेंसियां सर्वे कर रही थी। उनके सर्वे न बढ़ने शुरू हो गए। मुझे एक नेता ने टेलीफ़ोन किया, जिसके बाद मैं अपना स्पष्टीकरण देने लगा तो उन्होने कहा विज जी आपने बहुत बढ़िया किया। आपके बयान से हमारी सीटें बढ़नी शुरू हो गई। पहले चर्चा हो रही थी कि कांग्रेस की सरकार बनेगी, लेकिन अब चर्चा शुरू हो गई कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, मुख्यमंत्री तो तभी बनेगा जब BJP की सरकार बनेगी। चर्चा ही चेंज हो गई सारी लाइन बदल गई।
राहुल गांधी पर किया कटाक्ष
अनिल विज ने कहा कि जलेबी भी का अब औद्योगिकीकरण हो गया है। राहुल गांधी ने उससे PHD कर ली है और अब उन्होंने इस बार बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां लगाई हैं। कई मज़दूर भर्ती किए हैं लेकिन उस दिन जब रिज़ल्ट आया तो मज़दूर आ नहीं सके। भट्टियों में कोयला नहीं डाला तो जलेबियों की सप्लाई नहीं हो सकी जो कांग्रेस में सप्लाई जानी थी वो जा नहीं सकी। अब तो कांग्रेस को अपना चुनाव चिन्ह हाथ से बदलकर जलेबी रख लेना चाहिए क्योंकि यह पार्टी है भी जलेबी की तरह।
भूपेंद्र हुड्डा और शैलजा के हाथ मिलाने पर क्या बोले
विज ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा और शैलजा के हाथ मिलाने से तो उन्होंने इस बात को सिद्ध कर दिया कि एक कहीं तो कुछ गड़बड़ है जो राहुल गांधी ने हाथ मिलवाया वो फिर अलग हो गए। कांग्रेस नाम की कोई पार्टी हरियाणा में एक्सिस्ट नहीं करती ये बस भिन्न-भिन्न धड़ों का एक समूह है जो चुनाव को देखकर एक दूसरे के नज़दीक आ गया। इस पार्टी में 16 साल से चुनाव नहीं हुए है। प्रजातंत्र में भी बिना प्रजातांत्रिक तरीक़े से कैसे पार्टी चल सकती है और जिस पार्टी के अंदर प्रजातंत्र नहीं वो देश के प्रजातंत्र की क्या रक्षा करेगी?
चुनाव आयोग की शिकायत पर भी कही ये बात
आगे कहा कि चुनाव आयोग को दी शिकायत पर कहा कि कांग्रेस का नींव एक ट्रेनिंग स्कूल है जिसके हेडमास्टर राहुल गांधी है। वहाँ पर यह सिखाया जाता है कि जितनी भी देश की संवैधानिक संस्थाएं हैं। उनका निरादर करो कई तरीक़े के औज़ार इन्होंने इस रात कर रखे हैं। जब चुनाव हारते हैं तो रोना शुरू करते हैं कि जम्मू कश्मीर में हुए तो कहते हैं ठीक है और हरियाणा में हार गये तो कहते EVM ख़राब है। सुबह कहने लगे चुनाव आयोग खराब है। यह जो कांग्रेस की हार हुई है न उसमें उनके लिए कई वजह हैं, अब मैं यह कह रहे हैं कि यह कांग्रेस की हार नहीं बल्कि भूपेंद्र हुड्डा की हार है।
पंजाब सरकार को बताया भूपेंद्र सिंह हुड्डा और केजरीवाल की सरकार
विज ने कहा कि किसान हमारी धरती पर नहीं बैठे हैं, वो पंजाब की धरती पर बैठे हैं और वहां सरकार है भूपेंद्र सिंह हुड्डा और केजरीवाल की तो उनको मनाते क्यों नहीं। अगर यह किसानों के हमदर्द हैं तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक भी बार उनके पास क्यों नहीं गया। पंजाब का मुख्यमंत्री क्यों नहीं किया क्योंकि वो तो बिठाकर रखना चाहते हैं कि तुम बैठे रहो है और हम इधर तुम्हारा फ़ायदा उठा रहे हैं यह दूसरों के कंधों पर बंदूक रखकर अच्छी बात नहीं अगर बंदूक चला गया तो अपने कंधे पर रखकर चलाई। हरियाणा की जीत का स्वाद असर दूसरे राज्यों में भी पड़ेगा कांग्रेस का नाम अब कांग्रेस आई नहीं कांग्रेस गई नाम होना चाहिए।
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