Saturday, November 02, 2024
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अनंतनाग में शहीद हुए मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे, पीछे छोड़ गए 2 साल की लाडली; कहानी सुन हो जाएंगे भावुक

मेजर आशीष के परिवार में उनकी पत्नी, दो साल की बेटी और तीन बहनें हैं। इस दुखभरे वक्त में परिवारों के साथ शोक व्यक्त करने पहुंचे लोगों ने कहा कि सेना को आतंकवादियों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: September 14, 2023 14:05 IST
परिजनों को ढांढस...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए शहीद जवानों के घरों पर लोगों की भीड़ उमड़ रही

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनैक के घरों पर भारी गम का माहौल है। दोनों की शहादत की खबर फैलते ही गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए उनके घरों के बाहर एकत्र हो गए। घर के बाहर जुटी भीड़ में से कुछ लोगों ने आक्रोशित स्वर में कहा कि सेना को इस कायरना हरकत के लिए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में गांव वाले सिंह (मोहाली के मुल्लांपुर) और धोनैक (पानीपत) के घर पहुंचे। शहीद हुए सेना के दोनों जवानों के परिवारों में गम का माहौल है। दोनों शहीद सैन्य अधिकारियों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर शाम तक लाए जाने की संभावना है।

पीछे छोड़ गए 2 साल की लाडली

इस बीच अधिकारियों ने बताया कि शहीद सैन्य अधिकारियों के पार्थिव शरीरों को श्रीनगर के सैन्य अस्पताल लाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एक कॉलेज में लेक्चरर के रूप में कार्यरत सिंह की पत्नी को गुरुवार सुबह उनके पति के निधन की सूचना दी गई । इससे पहले उन्हें बुधवार को बताया गया था कि उनके पति (सिंह) गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। सिंह के परिवार में उनकी 2 साल की बेटी और एक छह साल का बेटा है। वहीं धोनैक के परिवार में उनकी पत्नी, दो साल की बेटी और तीन बहनें हैं। इस दुखभरे वक्त में परिवारों के साथ शोक व्यक्त करने पहुंचे लोगों ने कहा कि सेना को आतंकवादियों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

अगले महीने आने वाले थे घर
धोनैक के पड़ोस में रहने वाले एक बुजुर्ग ने पानीपत में संवाददाताओं को बताया, ''हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान ने छद्म युद्ध छेड़ रखा है। हमारी सेना को ऐसा मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए कि किसी भी मां को अपने बेटे, किसी भी बहन को अपने भाई, किसी पत्नी को अपने पति और किसी बच्चे को अपने पिता को खोने का ऐसा गम न झेलना पड़े।'' धोनैक का परिवार पानीपत के सेक्टर 7 में रहता है जबकि उनका पैतृक गांव बिंझोल है। उनके परिजनों ने बताया कि वह अगले महीने घर आने वाले थे।

पिछले साल ही सेना मेडल से सम्मानित हुए थे मनप्रीत
मनप्रीत सिंह के ससुराल पक्ष के लोग हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 26 में रहते हैं। उनके साले (पत्नी के भाई) ने संवाददाताओं को बताया कि इस घटना की खबर उन्हें बुधवार शाम को ही मिल गई थी। लेकिन उन्होंने अपनी बहन को इस दुखद खबर की जानकारी गुरुवार को सुबह ही दी। सिंह की दो साल की बेटी को गोद में लिए उनके ससुर जगदेव ने संवाददाताओं को बताया कि शहीद अधिकारी को पिछले साल ही सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। सिंह के चाचा ने संवाददाताओं से बातचीत में अपने भतीजे की यादें साझा करते हुए कहा कि बचपन से ही उसमें कुछ कर गुजरने का जज्बा था और वह हमेशा मुस्कराते हुए दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था।

घाटी के कोकरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल और मेजर सहित सेना के तीन जवान व जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए थे।

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