Wednesday, October 30, 2024
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बढ़ते प्रदूषण के बीच इस जिले के स्कूलों ने बढ़ाई सावधानियां, बच्चों की सुरक्षा के लिए दी गई सलाह

दिल्ली एनसीआर से सटे कई शहरों में भी एयर पॉल्यूशन काफी बढ़ चुका है। ऐसे में कई जिलों के स्कूल प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: October 30, 2024 14:43 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

इन दिनों दिल्ली एनसीआर में एयर पॉल्यूशन ने लोगों की जिंदगी मुश्किल कर रखी है। ऐसे में सरकार व प्रशासन ने पॉल्यूशन कम करने से जुड़े जरूरी कदम उठाए हैं, फिर भी लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। इधर शहर और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए स्कूल और स्थानीय अधिकारी छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्रयास तेज कर रहे हैं।

स्कूलों में लगाए जा रहे प्यूरी फायर

इधर हरियाणा के ग्रुरुग्राम स्कूलों ने एयर प्यूरी फायर लगाने, बच्चों को मास्क देने, एक्यूआई की नियमित निगरानी करने और एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंचने की स्थिति में बाहरी गतिविधियों को निलंबित या सीमित करने जैसे उपाय अपनाए हैं। इन पहलों का उद्देश्य बच्चों को घर के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदूषण के संपर्क में आने से बचाना है।

कुछ स्कूलों ने रखी अपनी बात

एचटी से बात करते हुए सेक्टर 47 में माउंट ओलंपस स्कूल की प्रिंसिपल वंदना महाजन ने कहा कि स्कूल इस मौसम में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं पर जोर दे रहा है। "छात्रों और अभिभावकों के बीच वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, हम पटाखे फोड़ने के बिना, पर्यावरण के अनुकूल दिवाली को प्रोत्साहित करते हैं। हमने पटाखों से होने वाले प्रदूषण के बिना, दिवाली को रोशनी, आशा और करुणा के त्योहार के रूप में दोहराने के लिए सभाएँ आयोजित कीं। हमारे छात्रों ने 'एक दीया जलाओ, एक इच्छा करो' गतिविधि में भी भाग लिया," महाजन ने कहा।

वहीं, ब्लू बेल स्कूल में प्रिंसिपल अलका सिंह ने प्रदूषण कम करने के बारे में छात्रों को शिक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। अलका ने कहा, "हम ज़िम्मेदारी से कचरे से निपटारा, अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से बचने और ट्रैफ़िक की भीड़ को कम करने के लिए कारपूलिंग के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं।"

प्रदूषण से निपटने में स्कूल और परिवार की अहम भूमिका

सेंट एंड्रयूज स्कूल की प्रिंसिपल मनीषा खन्ना ने कहा कि बच्चों को प्रदूषण से निपटने के बारे में सिखाने में स्कूल और परिवार दोनों ही अहम भूमिका निभाते हैं। मनीषा खन्ना ने आगे कहा,"हमारा मानना ​​है कि मास्क पहनना और वाहन का कम से कम इस्तेमाल जैसे छोटे-छोटे बदलाव बहुत कारगर साबित हो सकते हैं। हमारे स्कूल ने एयर प्यूरीफायर लगाए हैं और बाहरी गतिविधियों को सीमित कर दिया है, लेकिन इस संकट से निपटने के लिए सभी की भागीदारी की ज़रूरत है, खासकर परिवारों की।"

एमसीजी उठा रहा कदम

इस बीच, गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने निर्माण स्थलों की निगरानी करने, ढीली मिट्टी को ढकने और नियमित रूप से पानी छिड़कने के लिए 6 टीमें तैनात की हैं। एमसीजी उन इंडस्ट्रियल जगहों का भी निरीक्षण कर रहा है जो प्रदूषणकारी फैलाने वाले फ्यूल का इस्तेमाल करते हैं और गैर-अनुपालन इकाइयों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस, एमसीजी के सहयोग से, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उद्योग विहार और सेक्टर 14 और 18 जैसे हाई ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में वाहन की प्रदूषण की जांच कर रही है।

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