हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच दल बदलने की अटकलों पर भी चर्चा होने लगी है। हरियाणा में कांग्रेस के अंदरुनी कलह की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। इस बीच, चर्चा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से चल रहे मतभेदों के बीच पार्टी नेता कुमारी शैलजा बीजेपी में शामिल हो सकती है। बीजेपी ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया है। इसे लेकर अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बयान सामने आया है।
कांग्रेस को बताया दलित विरोधी
सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, "कांग्रेस दलित विरोधी है, कांग्रेस दलितों का सम्मान नहीं करती। अगर कोई दलित नेता कांग्रेस में आगे बढ़ना चाहता है, तो कांग्रेस उसे कुचल देती है। कुमारी शैलजा कोई छोटी-मोटी नेता नहीं हैं, वो कांग्रेस की बहुत बड़ी नेता हैं, दलितों की नेता हैं। अगर उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की मांग की, तो उन्होंने क्या गुनाह कर दिया? कांग्रेस पार्टी परिवारवाद में फंसी हुई है, वो परिवारवाद से आगे नहीं सोचते। जैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी परिवारवाद में फंसे हुए हैं, वैसे ही भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे यहां परिवारवाद में फंसे हुए हैं, वो उससे आगे नहीं सोचते।"
बीजेपी में शामिल होने का आह्वान
दरअसल, केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ने शुक्रवार शाम घरौंडा में बीजेपी प्रत्याशी हरविंदर कल्याण के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सैलजा से भाजपा में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस में बहुत ज्यादा अंतर्कलह है और मुख्यमंत्री पद के लिए उनके चेहरे को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। पिता और पुत्र (कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा) के बीच लड़ाई है। पिता कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे, जबकि बेटा कहता है कि वह मुख्यमंत्री बनेगा। उनके अलावा अन्य नेताओं की भी मुख्यमंत्री पद पाने की इच्छा है। खट्टर ने कहा कि हमारी दलित बहन घर पर बैठी है। आज बहुत से लोग सोच रहे हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। बहुत से लोग उनसे नाराज थे और हमने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया। हम पेशकश के साथ तैयार हैं और अगर वह आती हैं तो हम उन्हें पार्टी में शामिल करने के लिए तैयार हैं।
ये भी पढ़ें-
हाई कोर्ट के जज ने 'पाकिस्तान' वाली टिप्पणी पर जताया खेद, जानें क्या कहा
तिरुपति लड्डू विवाद पर श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान, 1857 के सिपाही विद्रोह की दिलाई याद