दिल्ली एयरपोर्ट हादसे के बाद राजकोट में भी भारी बारिश के चलते एयरपोर्ट की कैनोपी (कपड़े या किसी धातु की पतली चादर) टूट गई। हालांकि, इस हादसे में किसी के घायल या हताहत होने की खबर नहीं है। यहां बारिश के कारण जिस हिस्से की छत गिरी है। वह एयरपोर्ट के बाहर का हिस्सा है, जहां यात्रियों को छोड़ने और लेने के लिए आने वाले वाहन रुकते हैं। इस वजह से एयरपोर्ट में कोई दिक्कत नहीं आई है। इससे उड़ानों पर भी फर्क नहीं पड़ने की संभावना बेहद कम है। अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।
देश में मानसून ने पिछले दो दिनों में रफ्तार पकड़ी है और लगभग सभी राज्यों में बारिश हो रही है। बारिश ने लोगों को भीषण गर्मी से छुटकारा दिलाया है, लेकिन परेशानी भी बढ़ा दी है। अलग-अलग जगहों पर जल जमाव के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। इसके अलावा भूस्खलन के कारण दीवार गिरने के मामले भी सामने आए हैं। अलग-अलग जगहों पर हुए हादसों में कई लोग जान गंवा चुके हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट में क्या हुआ?
शुक्रवार के दिन दिल्ली में रिकॉर्ड 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह मात्रा जून के औसत 74.1 मिमी से तीन गुना अधिक है और 1936 के बाद से इस महीने के लिए सबसे अधिक बारिश है। भारी बारिश के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत गिर गई। इस हादसे में एक कार ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के कारण टर्मिनल-1 को बंद करना पड़ा। एक टर्मिनल बंद होने से कई उड़ानें लेट हुईं और उनका टर्मिनल बदलने से यात्रियों को परेशानी हुई। कुछ उड़ानों को रद्द भी करना पड़ा। इस विषय पर काफी राजनीति भी हुई। विपक्ष ने सरकार पर इसके लिए निशाना साधा। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि जो हिस्सा गिरा है, वह 2009 में यूपीए सरकार ने बनवाया था।