अहमदाबाद: गुजरात सरकार के राज्य वन्यजीव बोर्ड (SBWL) ने एशियाई शेरों के आखिरी ठिकाने गिर समेत करीब आधा दर्जन वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरीज में अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाने और सड़कें चौड़ी करने जैसे कई प्रोजेक्ट्स को गुरुवार को मंजूरी दी। एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में एक बैठक में SBWL ने गिर, जंबूघोडा, पूरना, जेस्सोर और नारायण सरोवर वन्यजीव अभयारण्यों में वर्तमान सड़कों तथा नालों पर बने पुलों की मरम्मत एवं उन्हें चौड़ा करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री इस बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
2020 में हुई थी शेरों की आखिरी गिनती
बता दें कि गिर वन्यजीव अभयारण्य में करीब 670 शेर हैं और सन 2020 में इनकी पिछली गणना की गयी थी। विज्ञप्ति में बताया गया है कि अपनी इस 22वीं बैठक में बोर्ड ने कुछ वन्यजीव अभयारण्यों के अंदर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाने, बिजली की लाइनों के साथ 66 केवी विद्युत उपकेंद्र लगाने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। प्रेस रिलीज के मुताबिक इस बैठक में बलराम-अंबाजी वन्यजीव अभयारण्य के पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र के मध्य से नई ब्रॉडगेज रेल लाइन के निर्माण का प्रस्ताव को बोर्ड की राय जानने के लिए पेश किया गया।
सीएम ने दिया स्टडी करने का सुझाव
रिलीज के मुताबिक, केंद्र के दिशानिर्देशों के मुताबिक संबंधित प्रस्तावों को SBWL की सिफारिश के साथ मंजूरी के लिए अब राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के पास भेजा जाएगा। बैठक के दौरान सीएम ने राज्य वन विभाग को वन्यजीव अभयारण्यों के अंदर रेलट्रैक, पाइपलाइन या ऑप्टिकल फाइबर बिछाने जैसे सभी बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि उन संरक्षित अभयारण्यों में भी पर्यावरण पर ऐसी परियोजनाओं का प्रभाव जाने के लिए अध्ययन किया जाए जो बंजर हैं। गुजरात के वन मंत्री मुलुभाई बेरा, राज्य मंत्री मुकेश पटेल, मुख्य सचिव राज कुमार और बोर्ड के सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया।