अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में ‘पत्थरबाजी’ की अफवाह फैलाने के आरोप में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, इन तीनों ने सोशल मीडिया पर अहमदाबाद के एक इलाके में पथराव की अफवाह फैलाई थी। बता दें कि अहमदाबाद में पहले भी कई मौकों पर सांप्रदायिक दंगों की चिंगारी भड़क चुकी है, ऐसे में इस तरह की कोई भी अफवाह बेहद खतरनाक रूप ले सकती थी।
‘जांच के बाद पकड़े गए आरोपी’
साइबर क्राइम द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, पुलिस को मंगलवार देर रात सूचना मिली थी कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने वासणा क्षेत्र के गुप्ता नगर इलाके में पथराव के बारे में व्हाट्सऐप पर मैसेज वायरल किया था। वासणा पुलिस जब गुप्ता नगर इलाके में पहुंची तो यह दावा झूठा निकला। पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर वासणा की साइबर क्राइम ब्रांच ने बुधवार सुबह अफवाह फैलाने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की। पुलिस निरीक्षक बीएम पटेल ने कहा, ‘जांच के बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 3 लोगों को पकड़ा। इन लोगों ने जानबूझकर अफवाह को विभिन्न व्हाट्सऐप समूहों में भेजा था।’
‘तीनों आरोपियों की हुई पहचान’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर लोगों में भय या चिंता फैलाने के मकसद से कोई बयान, अफवाह या रिपोर्ट को प्रकाशित करने या प्रसारित करने से संबंधित अपराधों के लिए IPC की धारा 505 (1) (B) के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीनों आरोपियों की पहचान जमालपुर इलाके के रहने वाले औजेफ तिर्मिजी, इकबाल अहमद गोटीवाला और जुनैद नीलगर के रूप में हुई है। बता दें कि अहमदाबाद में 1969 और 2002 में बड़े पैमाने पर दंगे हो चुके हैं जिनमें दर्जनों लोगों की जानें गई हैं, ऐसे में अफवाह की छोटी सी चिंगारी भी शहर को हिंसा की आग में झोंकने का कारण बन सकती है।