गुजरात: गुजरात के धंधुका में किशन बोडिया नाम के शख्स को बाइक सवार दो हमलावरों ने 2 राउंड फायर कर मौत के घाट उतार दिया। मंगलवार 25 जनवरी को घटी इस घटना के चलते धंधुका में बंद का एलान किया गया था और हालात काफी गंभीर भी हो गए थे, जिसको लेकर धंधुका के पुलिस इंस्पेक्टर को भी हटा दिया गया था। तफ्तीश तेजी से की जा रही है। इस केस की जांच के लिए पुलिस द्वारा 7 टीम बनाकर इन्वेस्टीगेशन किया जा रहा है।
गोली लगने के बाद किशन की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी, जिसके बाद बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद द्वारा धंधुका बंद का एलान किया गया था। जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे में बाइक पर आकर फायरिंग करने वाले दोनों हमलावरों की तस्वीर सामने आई थी, जिसके बाद इन दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हालांकि, सबसे बड़ी खबर जो सामने आई है वो ये है कि किशन की हत्या जिन दो मुस्लिम युवकों ने की वो पूरी तरह रेडिकलाइज़्ड थे और एक सोची समझी साजिश के तहत किशन की हत्या की गयी थी। जिसमें अहमदाबाद और मुंबई के दो मौलवियों के शामिल होने की खबर से हड़कंप मचा दिया है। कहा जा रहा है कि एक सोची समझी साजिश के चलते प्लान करके किशन की हत्या की गई है। इस हत्या के लिए जरूरी हथियार देने में इन दोनों मौलवियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हत्या के लिए यूज की गई रिवाल्वर अहमदाबाद के मौलवी ने मंगाई थी और मुंबई के मौलवी ने मुंबई से ये रिवाल्वर प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कैसे की गयी हत्या की साजिश?
धंधुका में किशन भरवाड की हत्या की साजिश की बुनियाद तभी से पड़ गई थी जब से किशन भरवाड पर गोली चलाने वाले शब्बीर चोपड़ा और इम्तियाज का कट्टर इस्लामिक मौलानाओं द्वारा ब्रेनवाश किया जाना शुरू हो गया था। अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने जब इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके इनसे पूछताछ शुरू की तो जो तथ्य सामने आए वह काफी चौंकाने वाले थे। शब्बीर और इम्तियाज ने पुलिस को बताया कि वह अहमदाबाद के जमालपुर एरिया के एक मौलाना जरवला मोहम्मद अयूब से हत्या के लिए पिस्तौल और 5 राउंड लेकर आए थे। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह दोनों युवक ज़रवाला मोहम्मद अयूब के संपर्क में कैसे आए और ज़रवाला मोहम्मद अयूब ने उन्हें हथियार क्यों दिए?
कहानी 1 साल पहले शुरू होती है, शब्बीर चोपड़ा पिछले 1 साल से तहरीक-फिरोके-इस्लाम के मौलाना कमरगनी उस्मानी के संपर्क में है, (मौलाना कमर गनी उस्मानी अपने भड़काऊ भाषणों के लिए काफी फेमस है और अक्सर मुस्लिम युवकों को इस्लाम की रक्षा की दुहाई देते हुए हथियार उठाने का संदेश देते हैं) अन्य कई युवकों की तरह शब्बीर भी मौलाना कमरगनी उस्मानी से काफी प्रेरित था। 1 साल पहले वह उस्मानी का एक लेक्चर सुनने के लिए मुंबई गया था जहां उसकी उस्मानी से मुलाकात हुई थी और उस दौरान उस्मानी ने शब्बीर को यह बताया था कि कोई भी यदि अपने समाज या धर्म के बारे में गलत बोले तो उसे सहन नहीं करना है उसे उसी वक्त एलिमिनेट कर देना है और यदि इस काम में उसे किसी प्रकार की मदद की जरूरत हो तो अहमदाबाद के जमालपुर एरिया में जरवाला मोहम्मद अयूब नाम के मौलाना का वह कभी भी संपर्क कर सकता है जो उसे हर तरह की मदद प्रोवाइड करवाएगा उसके बाद शब्बीर अहमदाबाद में ज़रवाला मोहम्मद अयूब से भी कई बार मिल चुका था बताया जा रहा है कि करीब 4 महीने पहले कमर गनी उस्मानी अहमदाबाद भी आया था जहां शब्बीर उससे एक बार फिर मिला और उसी दौरान जरवाला मोहम्मद अयूब भी उनसे मिला और एक बार फिर तीनों के बीच इसी मुद्दे को लेकर चर्चा हुई की इस्लाम की रक्षा के लिए कभी भी हथियार उठाना पड़े तो उससे हिचकिचाना नहीं है
अब आते हैं इस ताजा हत्याकांड पर इसके यदि तथ्यों पर गौर करें तो आपको बता दें कि किशन भरवाड ने 8 जनवरी को सोशल मीडिया में एक विवादित वीडियो पोस्ट किया था, जिसके बाद विवाद होने पर उसने तुरंत उस वीडियो को हटा भी लिया था और माफी मांगी थी। 9 जनवरी को शब्बीर और इम्तियाज ने उसके खिलाफ धंधुका पुलिस थाने में फरियाद भी की थी। जिसके बाद करीब 20 जनवरी को शब्बीर अहमदाबाद आकर जमालपुर में मौलाना जर वाला मोहम्मद अयूब से मिला और उसने ज़रवाला मोहम्मद अयूब से एक पिस्तौल और 5 राउंड गोलियां लीं, जिसके बाद वह इम्तियाज के साथ मिलकर करीब 5 दिन तक किशन भरवाड को ट्रैक करता रहा और 25 जनवरी को उसने किशन भरवाड पर गोली चला दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। फिलहाल, पुलिस ने शब्बीर और इम्तियाज के साथ-साथ जमालपुर से जर वाला मोहम्मद अयूब नाम के इस मौलाना को भी गिरफ्तार कर लिया है।