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Teesta Setalvad : तीस्ता सीतलवाड़ मामले की गुजरात सरकार करेगी जांच, SIT का किया गठन

Teesta Setalvad:तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार को मुंबई के जुहू इलाके स्थित उनके घर से हिरासत में लिया गया था।

Reported by: Nirnay Kapoor @nirnaykapoor
Updated : June 27, 2022 19:35 IST
Teesta Setalvad
Image Source : INDIA TV Teesta Setalvad

Highlights

  • शनिवार को मुंबई के जुहू स्थित घर से हिरासत में लिया गया था
  • गुजरात सरकार ने एटीएस के डीआईजी की अगुवाई में एसआईटी बनाई

Teesta Setalvad : सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। एटीएस के डीआईजी दीपन भद्रन की अगुवाई में एसआईटी तीस्ता सीतलवाड़ मामले की जांच करेगी। 2 एसपी ( DCP क्राइम चैतन्य मांडलिक, SP एटीएस सुनील जोशी) और एक ASP बी. सी. सोलंकी जांच टीम के सदस्य होंगे।

शनिवार को मुंबई के जुहू से हिरासत में लिया गया था

तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार को मुंबई के जुहू इलाके स्थित उनके घर से हिरासत में लिया गया था। सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस सड़क मार्ग से अहमदाबाद लेकर आई और उन्हें क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया  जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज होने के एक दिन बाद हुई।

प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल करनेवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए-SC

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले को दोबारा शुरू करने के सभी रास्ते बंद करते हुए कहा कि जांच के दौरान इकट्ठा की गई सामग्री से मुसलमानों के खिलाफ सामूहिक हिंसा भड़काने के लिए ‘सर्वोच्च स्तर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का कोई संदेह पैदा नहीं होता है।’ कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने कहा ‘किसी गुप्त उद्देश्य के लिए मामले को जारी रखने की गलत मंशा का जिक्र करते हुए कहा कि जो प्रक्रिया का इस तरह से गलत इस्तेमाल करते हैं, उन्हें कटघरे में खड़ा करके उनके खिलाफ कानून के दायरे में कार्रवाई की जानी चाहिए।’

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दर्ज हुई एफआईआर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार किया गया।  शिकायत में कहा गया है कि जकिया जाफरी को भी सीतलवाड़ ने बरगलाया था, जैसा कि 22 अगस्त 2003 को नानावती आयोग के समक्ष उनके बयान से स्पष्ट है। शिकायत में कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और आर.बी श्रीकुमार ने नानावटी जांच आयोग के समक्ष कई बयान दिए थे जो गुजरात सरकार के खिलाफ थे। इसमें कहा गया है कि भट्ट ने एसआईटी को भेजे गए विभिन्न दस्तावेजों में कथित तौर पर फर्जीवाड़ा किया और यह भी झूठा दावा किया कि वह 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई बैठक में शामिल हुए थे।l

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