Highlights
- सिंथेटिक दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर कार्रवाई जारी
- गुजरात ATS ने सोमवार को तीन लोगों को पकड़ा
- आरोपी आकाश विंजाहवा को माना जा रहा रैकेट का मास्टर माइंड
Synthetic drugs racket: सिंथेटिक दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर कार्रवाई जारी है। गुजरात एटीएस ने सोमवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया हैं, जीसमें अमरेली, राजुला के आकाश विंजाहवा और उसके लिए काम करने वाले मोटा लिलिया के सोहेल शिर्मन और बासित समा शामिल हैं। आकाश विंजाहवा को ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेज़न पर एक विक्रेता के रूप में खुद को पंजीकृत करके ड्रग्स बेचने के इस ड्रग रैकेट का मास्टर माइंड माना जा रहा है।
ड्रग रैकेट को फाइनेन्स करने वाला फरार
शिर्मन और समा को शहर के वस्त्रापुर इलाके के संसार अपार्टमेंट से 19.85 ग्राम एम्फ़ैटेमिन, 60.53 ग्राम ओपिओइड डेरिवेट्ज़, 321.52 ग्राम चरस और 3.235 किलोग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया गया, जिनकी कीमत 8.28 लाख रुपये है। नकली कंपनी के माध्यम से चलाए जा रहे इस ड्रग रैकेट को फाइनेन्स करने वाला नाना वाघ उर्फ करण फिलहाल फरार है। पुलिस का दावा है की उसे जल्द ही पकड़ लिया जायेगा। मुख्य आरोपी विंजाहवा ने एमेजॉन पर पंजीकृत विविध वस्तुओं की बिक्री करने वाली एक फर्जी कंपनी बनवायी थी जिसे एक वास्तविक विक्रेता मानते हुए, अमेज़ॅन ने लोगो के साथ पैकिंग बॉक्स और पैकिंग के उद्देश्य से कंपनी के एडहेसिव टेप दिए थे।
खिलौना बेचने के रूप में पंजीकृत थी फर्जी वेबसाइट
विविध वस्तुओं और खिलौनों को बेचने के रूप में पंजीकृत फर्जी वेबसाइट एक साल से अधिक समय से सक्रिय है। एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शिरमन और समा को वस्त्रपुर के फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया। उनकी जांच के दौरान यह पता चला कि विंजाहवा ने फ्लैट किराए पर लिया था और इसे डिलीवरी प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। शिरमन और समा राजुला से कुछ ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से भेजे गए ड्रग्स के पार्सल को लेने के लिए फ्लैट में आते हैं और फिर इसे अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, सूरत, वडोदरा आदि में कई लोगों और स्थानों पर अमेज़न पैकिंग में पैक कर के भेज देते थे।
अमेरिकी गांजा बेच रहे थे आरोपी
आरोपियों ने एटीएस के सामने कबूल किया है कि वे एक साल से अधिक समय से अपनी नकली व्यापारिक इकाई के माध्यम से ड्रग्स की आपूर्ति कर रहे थे। उन्होंने अमेरिकी गांजा (हाइब्रिड गांजा) और 'मून रॉकर' जैसी महंगी दवाएं भी बेची है, जिन्हें उन्होंने मुंबई में ड्रग तस्करों से खरीदा था। पुलिस उन पर और दवा खरीदारों पर भी नजर रख रही हैं, क्योंकि नशीली दवाओं के खरीदार उनके लिए और अधिक सुराग हासिल करने के महत्वपूर्ण गवाह हो सकते हैं।
श्रीमन और समा ने कबूल किया है कि उन्होंने जलाराम ट्रेवल्स के माध्यम से राजुला में किसी को ड्रग्स पार्सल भेजा था, जो की मिसलेनियस आइटम्स के तौर पर भेजा गया है, जिसके चलते राजुला एसऑजी को इस पार्सल की ट्रेकिंग के लिए इन्फॉर्म कर दिया गया है।