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Swami Gunatit Death Case: सोखड़ा हरीधाम के गुनातीत स्वामी की मौत मामले में बड़ा खुलासा, पोस्टमोर्टम में सामने आई चौंकाने वाली बात

Swami Gunatit Death Case: स्वामी के भक्तों ने यह कहकर उनकी अंतिम क्रिया रोक दी थी कि उन्हें इस मौत पर शंका थी। इसके बाद स्वामी के पार्थिव शरीर को वडोदरा की सयाजीराव अस्पताल में भेजा गया था। अस्पताल में जब स्वामी का पोस्टमार्टम हुआ, तब ये सामने आया कि उनकी मौत फांसी की वजह से हुई।

Edited by: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: April 30, 2022 19:42 IST
Swami Gunatit Death Case- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE PICTURE/PTI Swami Gunatit Death Case

Highlights

  • सोखड़ा हरीधाम के गुनातीत स्वामी की मौत मामले में बड़ा खुलासा
  • मौत फांसी की वजह से हुई, हार्ट अटैक नहीं हुआ था।
  • पोस्टमार्टम में सामने आई ये चौंकाने वाली बात

Swami Gunatit Death Case: गुजरात के वडोदरा के सोखड़ा हरिधाम के स्वामी गुनातीत की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अभी तक उनकी मौत सभी को सामान्य नजर आ रही थी लेकिन पोस्टमार्टम के बाद चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता लगा है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि फांसी लगने की वजह से हुई है। 

बता दें कि इससे पहले स्वामी के भक्तों ने यह कहकर उनकी अंतिम क्रिया रोक दी थी कि उन्हें इस मौत पर शंका थी। इसके बाद स्वामी के पार्थिव शरीर को वडोदरा की सयाजीराव अस्पताल में भेजा गया था। अस्पताल में जब स्वामी का पोस्टमार्टम हुआ, तब ये सामने आया कि उनकी मौत फांसी की वजह से हुई।

पुलिस ने इस मामले में स्वामी के कमरे के बाहर के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए थे। जिससे इस मामले में किसी तरह के आपराधिक षड्यंत्र का पता लगाया जा सके। पुलिस मामले की जांच में लगी हुई है। पुलिस ने इस मामले में स्वामी भक्तों से पूछताछ भी की है और प्राथमिक जांच में सामने आया है कि स्वामी डिप्रेशन में चल रहे थे और कई बार लोगों को भगवा वस्त्र त्यागकर संसार में वापस आने के लिए कह रहे थे। 

बता दें कि गुनातीत स्वामी ने साल 1979 में दीक्षा ली थी और सालों से सोखड़ा हरिधाम में थे। वह स्वभाव से सरल और भक्ति को महत्व देने वाले व्यक्ति थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके गले पर चोट के निशान होने का खुलासा हुआ है। ऐसे में पुलिस आत्महत्या और हत्या दोनों एंगल से मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं। 

संतों ने नहीं की थी पुलिस को खबर

हैरानी की बात ये भी है कि इस मामले में संतों ने पहले कहा था कि ये एक प्राकृतिक मौत है और उन्होंने पुलिस को भी खबर नहीं की थी। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट आनन-फानन में स्वामी का अंतिम संस्कार कर देना चाहता था। लेकिन जब फंदे पर लटकने से मौत का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ तो संत अपने बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि वह परिजनों की अपील पर इस खबर को बाहर नहीं जाने देना चाहते थे, इसलिए पुलिस को सूचित नहीं किया। 

हरिधाम के प्रभुप्रिय स्वामी ने बयान में बताया कि वे दवा लेने पहुंचे, तब दरवाजा भीतर से बंद था। चाबी से दरवाजा खोलने पर गुनातीत स्वामी को फंदे पर झूलते देखा। उसके बाद उन्होंने हरिधाम मंदिर के संतों को जानकारी दी। मंदिर के एक चिकित्सक अशोक महेता को बुलाने पर उन्होंने गुनातीत स्वामी को मृत घोषित किया था। 

बता दें कि मंदिर में पहले से वर्चस्व की लड़ाई भी चल रही थी। यहां दो गुट बने हुए थे, एक प्रेम स्वरूप स्वामी का था तो वहीं दूसरा गुट प्रबोध स्वामी का था। इसी दौरान स्वामी गुनातीत की मौत कई सवालों को खड़ा कर रही है। 

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