कुछ महीने पहले ही खबर आई थी कि रूस अब यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए दूसरे देशों से युवा बुला रहा है। उस वक्त यह मुद्दा ज्यादा चर्चा में नहीं आया था। लेकिन कुछ दिन पहले ही असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा किया कि भारत के युवाओं को रूस में दूसरा काम करने को कहकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस युद्ध के दौरान सुरक्षा सहायक के तौर पर काम कर रहे सूरत के हेमिल मांगुकीया नाम के युवक की यूक्रेन में ड्रोन हमले में मौत हो गई है।
यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में मौजूद थे 4 भारतीय
बताया जा रहा है कि 21 फरवरी को युवक की जान गई है। लेकिन उनकी मौत की कोई पुष्टि नहीं हुई। हेमिल की मौत के बारे में उनके पिता अश्विन भाई से बात की तो उन्होंने बताया कि हेमिल की 21 फरवरी को ड्रोन हमले में मौत हो गई। जानकारी मिली है कि यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में कुल चार भारतीय थे, जिसमें तीन हैदराबाद के और एक सूरत का युवक था। ड्रोन हमले में हेमिल मारा गया और हैदराबाद के तीन युवक बच गए। इसके बाद इन तीनों युवकों ने हेमिल को ट्रक में डाल दिया।
15 दिसंबर को वर्क वीजा पर गया रुस
वर्क वीजा पर रुस गए सूरत के युवक के पिता अश्विन भाई ने इस बारे में बताया कि मेरा बेटा हेमिल 15 दिसंबर को यहां से चला गया था। एजेंट ने हमें स्वस्थ रूप से बताया कि उसे सेना में सहायक के रूप में जाना है। यह भी कहा गया कि बंदूक चलाने और बम फोड़ने की भी ट्रेनिंग होगी, लेकिन यह सारी ट्रेनिंग उनकी अपनी सुरक्षा के लिए होगी।
आखरी कॉल 20 को हुई, 21 फरवरी को मौत
पिता ने कहा कि अभी बाहर जाना चलन है, इसलिए मैं चाहता था कि मेरा बेटा भी विदेश जाए। वह डेढ़ साल से कोशिश कर रहा था। अब उसे रूस जाने का मौका मिला तो वह तैयार हो गया। वहां हेमिल के पास कोई नेटवर्क नहीं था। इंटरनेट मिलने पर वह हर तीन-चार दिन में मुझसे बात करता था। आखरी कॉल 20 फरवरी की रात को आई थी। वह मुझसे कहता था कि पापा मेरी एक प्रतिशत भी टेंशन नहीं लेना, मुझे यहां कोई दिक्कत नहीं है। इस प्रकार हमिल ने 20 फरवरी की रात को अपने पिता से बात की और 21 फरवरी को उसकी मौत हो गई।
(रिपोर्ट- शैलेष चांपानेरिया)