सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह की गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर कथित टिप्पणी के लिए मानहानि के एक मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में पहले ही कहा है कि पक्षों के लिए उपलब्ध सभी दलीलें खुली हैं और निचली अदालत के न्यायाधीश आदेश में की गई किसी भी टिप्पणी से प्रभावित नहीं होंगे। पीठ ने कहा, "हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।"
बता दें कि हाई कोर्ट ने 16 फरवरी को सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिसमें दोनों ने मानहानि मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने का अनुरोध किया था। केजरीवाल और सिंह ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मामले में एक निचली अदालत द्वारा जारी समन के साथ ही, समन के खिलाफ उनके पुनरीक्षण आवेदन को खारिज करने के सत्र अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
मानहानि के मामले में किया गया था तलब
गुजरात की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने पहले केजरीवाल और सिंह को मोदी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में उनके कथित "व्यंग्यात्मक" और "अपमानजनक" बयानों को लेकर मानहानि के मामले में तलब किया था। सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के बाद गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने उनकी कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।
यूनिवर्सिटी को निशाना बनाते हुए दिए थे अपमानजनक बयान
पटेल द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मोदी की डिग्री को लेकर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाते हुए "अपमानजनक" बयान दिए थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं और संस्थान की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, जिसने जनता के बीच अपना नाम बनाया है। पटेल ने अपनी शिकायत में कहा, "उनके बयान व्यंग्यात्मक थे और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को जानबूझकर ठेस पहुंचाने के लिए दिए गए थे।"
RTI को राजनीतिक इरादे वाली और निहित हितसे प्रेरित प्रतीत होती है- कोर्ट
बीते साल 31 मार्च को, गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। अदालत ने कहा था कि आप प्रमुख केजरीवाल की आरटीआई अर्जी "ठोस जनहित विचारों" पर आधारित होने के बजाय "राजनीतिक इरादे वाली और निहित हित" से प्रेरित प्रतीत होती है।
इनपुट- पीटीआई
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