भारतीय संस्कृति समूचे विश्व को आकर्षित करती है, लेकिन हम भारतीय ही अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। दिन प्रतिदिन हम भारतीय पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं। जहां कभी हम गर्व करते थे अपनी संस्कृति पर, वही आज के युवा वर्ग का मोह पश्चिमी संस्कृति की तरफ बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में सूरत के लोगों ने 31 दिसंबर का जश्न अनोखे अंदाज में मनाया। देशभर के युवाओं को हिंदू संस्कृति की ओर मोड़ने के लिए सूरत में हनुमान चालीसा युवा कथा का आयोजन किया गया था। यह कार्यक्रम "जीवन परिवर्तन का तूफान" नारे के तहत आयोजित किया गया था। इस सूत्र का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे सहित अन्य व्यसनों से मुक्ति दिलाना और पश्चिमी संस्कृति छोड़ भारतीय सनातन संस्कृति की तरफ मोड़ना था।
सनातनियों ने अनोखे अंदाज में मनाया न्यू ईयर
बता दें कि इस कार्यक्रम में एक लाख से अधिक भक्तों के बीच हनुमान जन्मोत्सव पर राम भजन पर युवा वर्ग भक्ति के रंग में रंग गया। सूरत के सिमड़ा के पास युवा सालंगपुर कष्टभंजन देव के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसी कड़ी में नए साल की शुरुआत में ही सूरत के पास सारंगपुर के कष्टभंजन देव के दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। वहीं जो लोग सारंगपुर नहीं जा सकते उन्हें दादा कष्टभंजन देव का दर्शन सूरत की धरती पर कराया गया। युवाओं को आकर्षित करने के लिए इस दौरान फायर शो और लेजर शो का भी आयोजन किया गया था। सारंगपुर धाम के हरिप्रसाद स्वामी ने भक्तों के लिए इस कथा का आयोजन कराया था।
हनुमान जी के लिए बना 151 किलो का केक
हनुमान चालीसा कथा की योजना पुराने वर्ष के अंत और नए वर्ष के आगमन के साथ मनाई गई है। इसमें एक तरफ जहां लोग 31 दिसंबर को विदेशी संस्कृति में जश्न मनाएंगे और इसी समय सूरत में हनुमान जी की भव्य जन्मोत्सव मनाया गया। भक्ति भाव से पुराने साल की विदाई और राम नाम में डूबकर हिंदू संस्कृति के साथ नए साल का स्वागत किया गया। इस कथा के दौरान फूलों की वर्षा भी की गई। वहीं युवाओं को आकर्षित करने के लिए इस दौरान फायर शो और लेजर शो का भी आयोजन किया गया था। इस दौरान चर्चा का मुख्य केंद्र बना 151 किलो का केक। दरअसल आयोजकों की ओर सो हनुमान जी को गदा के आकार का 151 किलो का केक और 2000 किलो चॉकलेट चढ़ाया गया।
(रिपोर्टर- शैलेष चांपानेरिया सूरत)